Indore News: इंदौर में चूहों का आतंक जारी, पुराने शास्त्री पुल का हिस्सा ढहने से पाँच फीट गहरा गड्ढा


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स्टोरी हाइलाइट्स

इंदौर के मध्य क्षेत्र स्थित शास्त्री ब्रिज में हुआ बड़ा गड्ढा, नगर निगम की लापरवाही उजागर, गड्ढे के चारों ओर लगाए गए बैरिकेड, वाहनों को वहाँ से गुजरने से रोका जा रहा,नगर निगम के विशेषज्ञ भी मौके पर, लोक निर्माण अधिकारी ने बताया कि एक टीम मौके पर भेजी गई..!!

Indore News: इंदौर के सबसे पुराने और व्यस्त ब्रिज में से एक शास्त्री ब्रिज की एक तरफ की भूजा रविवार सुबह अचानक धंस जाने से बड़ा हादसा टल गया। गांधी प्रतिमा से शास्त्री मार्केट की ओर जाने वाली लेन पर करीब पांच फीट गहरा और छह फीट लंबा गड्ढा बन गया। ब्रिज अंदर से पूरी तरह खोखला हो गया था और पुरानी छड़ें दिखाई दे रही थीं। इस पुल की मरम्मत की माँग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन नगर निगम ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया।  

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्काल बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक रोक दिया। नगर निगम का अमला भी मौके पर पहुंचा और गड्ढे को मलबे से भरने का काम शुरू किया। हालांकि यह केवल एक अस्थायी समाधान था, जबकि पुल की स्थिति को देखते हुए यहां बड़े पैमाने पर मरम्मत और संरचनात्मक जांच की सख्त जरूरत है। गौरतलब है कि शास्त्री ब्रिज की जर्जर हालत को लेकर कई बार नगर निगम को शिकायतें की गई, लेकिन निगम ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वही पुल का हिस्सा धंस गया और बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा। 

गौरतलब है, कि 2 नवंबर सुबह 10 बजे पुल का एक किनारा झुक गया। कुछ देर बाद सड़क पर गड्ढा हो गया। गनीमत रही कि उस समय कोई भी वाहन पुल के ऊपर से नहीं गुजर रहा था, वरना जनहानि हो सकती थी। लोगों ने तुरंत यातायात पुलिस को सूचना दी।

गड्ढे के चारों ओर बैरिकेड लगा दिए गए और वाहनों को वहाँ से गुजरने की अनुमति नहीं है। नगर निगम के विशेषज्ञ भी मौके पर पहुँचे और कारण की जाँच कर रहे हैं। गड्ढा फुटपाथ के पास है। लोक निर्माण समिति के प्रभारी ने बताया कि एक टीम मौके पर भेजी गई है। वहाँ बहुत सारे चूहे हैं। उन्होंने गड्ढे खोद लिए हैं और पुल के नीचे की मिट्टी खा रहे हैं।

शास्त्री पुल का निर्माण 1950 के बाद मध्यभारत शासन के दौरान हुआ था। यह शहर का पहला दो लेन वाला पुल था। निर्माण के समय इसे काफ़ी विरोध का सामना करना पड़ा था। शहर में यातायात बढ़ने के कारण, यह पुल अब यातायात के लिए बहुत संकरा हो गया है, और एक नया पुल बनाने की योजना है।

वहीं नगर निगम की यह घटनाओं के बाद जागने वाली कार्यप्रणाली गंभीर चिंता का विषय है। अगर समय रहते ब्रिज की मरम्मत की जाती, तो यह स्थिति नहीं बनती। फिलहाल, पुल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें नगर निगम तुरंत तकनीकी जांच करवाकर शास्त्री ब्रिज की स्थिरता पर स्पष्ट रिपोर्ट जारी करे। लेकिन यह स्पष्ट है कि नगर निगम की लापरवाही और उदासीन रवैये ने न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को खतरे में डाला है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।