गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। इस बीच उन्होंने जम्मू के पलौरा में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि गणेश चतुर्थी के दिन जम्मू-कश्मीर में पहला चुनाव सम्मेलन शुरू हो रहा है और हम सभी मानते हैं कि विघ्नहर्ता यात्राओं में सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
मैं देशवासियों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आज से जैन बंधुओं का पर्युषण पर्व भी प्रारंभ हो रहा है। मैं सभी जैन बंधुओं और सभी देशवासियों को पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
शाह ने कहा कि आने वाला चुनाव ऐतिहासिक चुनाव है। देश की आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मतदाता दो झंडों के बजाय एक तिरंगे के नीचे वोट करेंगे। पहली बार दो संविधानों के तहत नहीं बल्कि भारत के संविधान (जो बाबा साहब अंबेडकर ने लिखा था) के तहत मतदान होने जा रहा है।
शाह ने कहा कि हम लोगों को उनके (नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस) विभाजनकारी एजेंडे के बारे में जागरूक करने के लिए घर-घर जा रहे हैं। मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडे को उजागर किया। लेकिन आज मैं आप सबके सामने आया हूं, क्योंकि मुझे मीडिया से ज्यादा आप पर भरोसा है, क्योंकि मैं भी आपके ही बीच से हूं, मैं भी बूथ अध्यक्ष रहा हूं।
शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से 70 साल बाद जम्मू-कश्मीर की माताओं-बहनों को उनका अधिकार मिला है। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पार्टी इन अधिकारों को छीनना चाहती है। क्या आप यह अधिकार छीनने देंगे? नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी पत्थरबाजी और आतंकवाद में शामिल लोगों को जेल से रिहा करना चाहती है, ताकि जम्मू, पुंछ, राजौरी जैसे शांतिपूर्ण इलाकों में फिर से आतंकवाद आए। क्या आप इन क्षेत्रों में आतंकवाद को लौटने देंगे?
शाह ने कहा, 'नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी के लोग कह रहे हैं कि हम पहले जैसी व्यवस्था लाएंगे। क्या आप इस बात से सहमत हैं? स्वायत्तता की बात ने जम्मू-कश्मीर में आग लगा दी, जिससे घाटी में 40,000 लोग मारे गए। वे कहते हैं, हम जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता देंगे। मैं आज कह कर जाता हूं, कोई भी ताकत ऑटोनॉमी की बात नहीं कर सकती।'