केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार के इस कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में उठापटक जारी है। इस प्रस्ताव पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने कड़ी आपत्ति जताई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने कहा कि पीएम मोदी के पास कुछ नहीं बचा है। इसीलिए वे ऐसे कदम उठा रहे हैं। वे सिर्फ राहुल गांधी की गलत आलोचना कर रहे हैं। मैं नहीं मानता कि एक राष्ट्र, एक चुनाव व्यवहारिक रूप से लागू हो सकेगा। मान लीजिए कि इस सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव आता है और लोकसभा भंग करनी पड़ती है, तो वे क्या करेंगे? ये पीएम मोदी का सबको गुमराह करने का खिलौना है।
अब इसे लेकर BJP के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का भी बयान सामने आया है अपने X हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है,
कमलनाथ जी, यह खिलौना नहीं खजाना है, जो आपकी और कांग्रेस की नजर में खटक रहा है! 'वन नेशन, वन इलेक्शन' से कांग्रेस को टेंशन होना लाजमी है। इतिहास गवाह है कि राष्ट्रहित में लिए गए फैसले कभी कांग्रेस को रास नहीं आए हैंं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब भी देश की तरक्की में कोई निर्णय लिया है, 'बरसाती मेंढकों ने टर-टर' जरूर किया है फिर चाहे वो:- - राम मंदिर निर्माण - धारा 370 से मुक्ति - तीन तलाक - महिला आरक्षण बिल - स्वच्छ भारत अभियान - वन रैंक, वन पेंशन - जन धन योजना - आयुष्मान भारत योजना - पीएम किसान सम्मान निधि या फिर - मेक इन इंडिया ...जैसी अन्य महिला, किसान, गरीब और युवाओं से जुड़ी योजना हो, जिसे विकसित भारत की राह आसान बनी हो उस पर हमेशा कमलनाथ और कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। यही वजह है कि प्रदेश और छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ को विधानसभा, लोकसभा, उपचुनाव यहां तक की पार्षद तक के चुनाव में भी नहीं चुना। लेकिन फिर भी @OfficeOfKNath को समझ नहीं आ रहा है, शायद इसी को कहते हैं 'विनाश काले विपरीत बुद्धि'!
'वन नेशन वन इलेक्शन' पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। समिति ने राजनीतिक दलों और विभिन्न हितधारकों के साथ 191 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की। जिसके बाद बुधवार (18 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई।