नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में माहौल अच्छा है। लेकिन, पाकिस्तान के साथ कमजोर सीमा के कारण यहां आतंकवाद अभी भी जिंदा है। मंगलवार को बारामूला में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने ये बात कही।
रियासी आतंकी हमले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हमारी सीमा पारगम्य है और इसे हर जगह नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।" तीर्थयात्रियों पर हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे अफसोस है कि निर्दोष तीर्थयात्रियों, निहत्थे लोगों पर हमला किया गया।' राज्य में हम सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए और प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान ऐसा करने वालों को नरक में भेजे।
इस महीने के अंत में शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को यात्रा के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, हमने हमेशा उनका स्वागत किया है और यात्रियों को आरामदायक सुविधा देने के प्रयास किये हैं। ईश्वर की इच्छा से इस वर्ष भी यात्रा सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न होगी।
गौरतलब है कि जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में उनके तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई देने के बारे में पूछा गया, तो एनसी अध्यक्ष ने कहा कि भले ही दोनों समकक्ष एक-दूसरे को बधाई देते रहते हैं, लेकिन उन्हें सौहार्दपूर्ण व्यवहार पर काम करना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि फिलहाल इस मामले में किसी आतंकी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 20 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। मामले में बस के पीछे चल रही ईको कार और उसके पीछे चल रही जीप गायब पाई गई। जिसे आतंकियों से जोड़ा जा रहा था।
इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि इको कार मिल गई है। इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। सर्च ऑपरेशन जारी है, कुछ इनपुट प्राप्त हुआ है। जिसके आधार पर कार्य किया जा रहा है, सफलता की आशा है।