भोपाल: वन बल प्रमुख वीएन अम्बाड़े ने कहा है कि प्रदेश में वन एवं वन्य जीव संरक्षण की दिशा में नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जा रही है किन्तु वनों की अवैध कटाई और कम समय में बाघों एवं तेंदुओं की मृत्यु की खबरें आ रहीं हैं। अम्बाड़े ने कहा है कि वन एवं वन्य जीव सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वन बल प्रमुख वीएन अम्बाड़े ने समस्त फील्ड डायरेक्टर टाइगर रिजर्व और सीसीएफ एवं सीएफ को एक सख्त पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि विगत 20-25 दिनों में टाईगर रिजर्व एवं क्षेत्रीय वनों में 5-6 बाघों एवं तेंदुओं की मृत्यु हुई है। इतनी सुदृढ़ व्यवस्था होने के पश्चात् भी कम समय में बाघ एवं तेंदुओं की इतनी अधिक मृत्यु होना वन एवं वन्य जीव संरक्षण व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
पेंच एवं सतपुड़ा टाईगर रिजर्व में बाघों की मृत्यु के संबंध में यह बताया गया कि बाघों की मृत्यु आपसी संघर्ष में हुई है। जब बाघों में संघर्ष होता है तो उनकी दहाड़ दूर तक सुनाई देती है, ऐसी स्थिति में एक बाघ की मृत्यु होने के पश्चात् स्थानीय अमले को जानकारी न होना सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने का संकेत देता है। एम-स्ट्रिप (Monitoring System for Tigers – Intensive Protection and Ecological Status), मानसून पेट्रोलिंग आदि के द्वारा निगरानी रखी जाती है फिर भी बाघों की मृत्यु के पश्चात् जानकारी न होना उचित नहीं है।
बालाघाट की घटना अत्यंत खेदजनक..
बालाघाट में जिस प्रकार से बाघ की मृत्यु के पश्चात् वन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गंभीर लापरवाही बरती गई। यह अत्यंत ही अशोभनीय एवं खेद का विषय है। अम्बाड़े ने समस्त फील्ड डायरेक्टर टाइगर रिजर्व और सीसीएफ एवं सीएफ को निर्देशित किया जाता है कि वन एवं वन्य जीव सुरक्षा वन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहनीय नहीं है। अतः भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो इस पर विशेष ध्यान दिया जावे।