MP के बालाघाट-गोंदिया नेशनल हाईवे पर पहली ही बारिश में धंसी सड़क, उद्घाटन से पहले ही टूटा 1,100 करोड़ का हाईवे!


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

Balaghat News: ₹1,100 करोड़ का प्रोजेक्ट - पहली ही बारिश में धराशायी - उद्घाटन से पहले ही भ्रष्टाचार उजागर..!!

Balaghat News: पिछले पाँच दिनों से हो रही लगातार बारिश ने बालाघाट ज़िले में एक प्रमुख राजमार्ग परियोजना के निर्माण में गंभीर कमियों और कथित भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। भारतमाला परियोजना के तहत केपीसीएल द्वारा 1,600 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही यह सड़क, पूरा होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई है।

राष्ट्रीय राजमार्ग 543 का हिस्सा, यह चार लेन वाला राजमार्ग, महाराष्ट्र के गोंदिया को बालाघाट के लावड़ा से जोड़ता है। इसमें तीन रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण शामिल है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कार्यान्वित इस परियोजना को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

हालाँकि, हाल ही में हुई बारिश ने घटिया कारीगरी की पोल खोल दी है। लावड़ा-खुरसोड़ी खंड पर भमोड़ी गाँव के पास, सड़क के किनारे का एक हिस्सा ढह गया है और एक रिटेनिंग वॉल भी गिर गई है। स्थानीय लोगों और निरीक्षकों का आरोप है कि निर्माण कंपनी केपीसीएल अनुबंध संबंधी मानदंडों का उल्लंघन कर रही है और गुणवत्ता से समझौता कर रही है।

इस क्षति ने सड़क की संरचनात्मक मजबूती और चल रहे कार्य की समग्र गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं। अब इस उच्च-बजट वाली राष्ट्रीय परियोजना की निगरानी और पर्यवेक्षण प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। निवासी और हितधारक जन-धन की और हानि को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल जाँच और जवाबदेही की माँग कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर इसे लेकर बवाल जारी है।

मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पर सवाल उठाते हुए एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, कि 

उद्घाटन से पहले ही टूटा ₹1,100 करोड़ का हाईवे! मध्यप्रदेश के बालाघाट-गोंदिया नेशनल हाईवे पर पहली ही बारिश में सड़क धंसने से न सिर्फ सड़क, बल्कि जनता का पैसा भी बह गया है! - ₹1,100 करोड़ का प्रोजेक्ट - पहली ही बारिश में धराशायी - उद्घाटन से पहले ही भ्रष्टाचार के फीते कट गए! इस टूटे हाईवे ने भाजपा के भ्रष्ट सिस्टम की पोल खोल दी, जहाँ निर्माण की गुणवत्ता कमीशन से तय होती है, न कि मानकों से। "सबका साथ, सबका विकास" के नाम पर सिर्फ चंद ठेकेदारों का साथ और जनता के साथ विश्वासघात चल रहा है। जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसे हाईवे धँसते रहेंगे और जनता का पैसा डूबता रहेगा। क्या यही है 2024 के न्यू इंडिया का इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल?