मध्य प्रदेश अजब है और यहां के अधिकारी उससे भी ज्यादा अजब हैं। ऑयल पेंट घोटाले के बाद मध्य प्रदेश के उच्च अधिकारी फील्ड पोस्टिंग पाकर जनता के पैसे से ड्राई फ्रूट्स खा रहे हैं। बात अफसरों के खाने पर होने वाले सरकारी खर्च की है। अधिकारियों ने ऐसे ड्राई फ्रूट्स भी खाए कि सुनकर हर कोई हैरान है।
बताया जा रहा है, कि छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे शहडोल के गोहपारू ब्लॉक स्थित भदवाही ग्राम पंचायत में जिला स्तरीय जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम, जनपद सीईओ समेत अन्य उच्च अधिकारी और नेताओं के साथ लगभग 50 लोग शामिल हुए। जिसका बिल लगभग ₹40 हज़ार का बना।
अब इस एक घंटे में क्या क्या खाया गया ये भी आपको बता देते हैं। 5 किलो काजू 3 किलो किशमिश, 5 किलो बादाम, 30 किलो नमकीन, 10 किलो शक्कर, 6 लीटर दूध, 10 हज़ार का किराने का समान, 50 प्लेट पूरी सब्ज़ी, 100 पीस रसगुल्ला, 1 किलो मीठा, पांच बोर पानी, आदि।
इस "मेहमाननवाज़ी" का कुल खर्च 19,010 रुपये दर्ज किया गया, साथ ही 5,260 रुपये का एक और बिल निकाला गया, जिसमें विशेष रूप से घी शामिल था।
कार्यक्रम ग्राम पंचायत भदवाही द्वारा आयोजित किया गया था। ग्राम पंचायत ने अधिकारियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अब कार्यक्रम के बाद आए बिल के कारण हंगामा खड़ा हो गया।
सरकार जहां एक ओर गांव-गांव जाकर जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी चौपालों में अफसरों की थालियों में शाही दावत का आयोजन हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब तालाब और कुएं सूख रहे हैं, तब सरकारी पैसे की ‘बरसात’ किस पर हो रही है?
जिला पंचायत प्रभारी CEO मुद्रिका सिंह ने इस मामले को संज्ञान में लेने की बात कही है और जांच कराने का आश्वासन दिया है।
आपको बता दें, कि पिछले हफ़्ते शहडोल के एक स्कूल का बिल आया था जिसमें 4 लीटर पेंट करने के लिए लगभग 200 मिस्त्री और मज़दूर लगे थे। सरकार ने जांच के आदेश दिए और स्कूल प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया था।