भोपाल: राज्य के जबलपुर में बरगी उत्पादन वन परिक्षेत्र में 1 मार्च 1997 से निलम्बन दिनांक 29 जुलाई 2006 तक पदस्थ रहे वनरक्षक राजकुमार दुबे ने 1151 सागौन वृक्षों के विदोहन में टीपी जारी कर दी जबकि काश्तकारों का पंजीयन उत्पादन हेतु नहीं था। इस मामले में लोकायुक्त संगठन ने प्रकरण दर्ज किया और कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया जिस पर एक वर्ष की सजा एवं 5 हजार रुपये का अर्थदण्ड दिया गया।
हाईकोर्ट ने 18 मार्च 2013 को जमानत दे दी परन्तु कारावास की सजा पर अपील के निराकरण तक के लिये स्थगन आदेश दे दिया। 30 सितम्बर 2016 को यह वनरक्षक सेवानिवृत्त हो गया। चूंकि हाईकोर्ट ने दोषसिध्दी पर स्थगन नहीं दिया और जीएडी के रुल्स के अनुसार, वनरक्षक पर कार्यवाही की जा सकती है, इसलिये अब इस वनरक्षक को उसकी संपूर्ण पेंशन स्थाई रुप से रोकने से दण्डित किया गया है। इसके लिये कैबिनेट से भी स्वीकृति ले ली गई है।