क्या पृथ्वी से टकराएगा उल्का पिंड (Ulka Pind)? जानिये क्या है सच्चाई


स्टोरी हाइलाइट्स

डर का मनोविज्ञान एक बहुत ही प्रभावशाली मार्केटिंग रणनीति है। डरावनी कहानियाँ, हॉरर फिल्म कितनी भी घटिया क्यों न हो, लोगों को ........Ulka Pind

क्या पृथ्वी से टकराएगा उल्का पिंड (ulka pind)?  डर का मनोविज्ञान एक बहुत ही प्रभावशाली मार्केटिंग रणनीति है। डरावनी कहानियाँ, हॉरर फिल्म कितनी भी घटिया क्यों न हो, लोगों को एक बार देखने-सुनने को मजबूर जरूर करती हैं। जैसे हर साल एक बार मीडिया जरूर चिल्लाता है की प्रलय आने वाला है और दुनिया खत्म होने वाली है। हम सभी को कोई घटना या कोई बड़े भूकंप का खतरा हमेशा हमें डराता रहता है। जैसे आजकल कहा जा रहा है की 29 अप्रैल के दिन पृथ्वी पर सर्वनाश होगा। कहा जा रहा है कि इस दिन उल्का पिंड (ulka pind) या छुद्र ग्रह 1998 OR2 पृथ्वी से टकराने वाला है। 29 April 2020 को होगा दुनिया का विनाश ? हम बता दें की, 31319 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से पृथ्वी के करीब आ रहे इस उल्का पिंड(ulka pind) से हम सभी को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश नहीं करेगा। वैसे तो हम मूर्ख दिवस । जिस उलकापिंड(ulka pind) को मीडिया वाले पृथ्वी से लड़ाने को तुले हुए हैं , खगोलविदों के मुताबिक ऐसे उल्का पिंडों का हर 100 साल में धरती से टकराने की 50,000 संभावनाएं होती हैं। अनुमान है कि यह उल्का पिंड अगले महीने 29 अप्रैल को धरती के पास से गुजरेगा। इस बारे में डॉक्टर स्टीवन का कहना है यह उल्का पिंड 52768 सूरज का एक चक्कर लगाने करीब 3.7 वर्ष लेता है और एक दिन की धुरी 4 दिन में पूरी करता है। जब जब यह पृथ्वी के थोडा नजदीक आता है तब तब मीडिया कुछ दिन लोगों को डराता है। Nasa Says World Not Going To End On April 29 https://youtu.be/rjpzpM6ZSos?t=132 दरअसल मीडिया वालों ने नासा की रिपोर्ट कुछ महीने पहले पढ़ ली थी कि एक छुद्र ग्रह 1998 OR2 हमारे करीब से गुजरने वाला है। सबसे पहले इसका पता 1998 में चला था। तभी से इसको मिर्च मसाला लगा कर प्रलय के कई मुहूर्त निकाले जा चुके हैं। मीडिया के किसी आइडिया गुरु ने कहा की 29 अप्रैल को हिमालय जितना बड़ा उल्कापिंड पृथ्वी से टकराने वाला है। 29 April को क्या होने वाला है, क्या हो जाएगा? पृथ्वी का जन्म करीब पांच अरब साल पहले हुआ था और अभी करीब साढ़े चार अरब साल की इसकी उम्र बची हुई है। उसके बाद पृथ्वी सूर्य में समा जायेगी। यह अकाट्य सत्य है लेकिन उसके पहले पृथ्वी बड़े परमाणु युद्ध की स्थिति में या फिर कोई अप्रत्याशित खगोलीय घटना से ही समय से पहले खत्म हो सकती है। कहते हैं करोड़ों साल पहले एक बड़े उल्का पिंड के गिरने के कारण ही धरती से डायनासोर समाप्त हुए थे। छोटे उल्का पिंडों की बारिश हमेशा पृथ्वी पर होती रहती है लेकिन अधिकाँश धरती से टकराने के पहले जल कर नष्ट हो जाते हैं। हमारी धरती में उल्का पिंड गिरने का एक सबूत 1908 में साइबेरिया के टुंगुस्का में देखा था, जब एक क्षुद्र ग्रह धरती में टकराने से पहले जलकर नष्ट हो गया था। इसकी वजह से क़रीब 100 मीटर बड़ा आग का गोला बना था। इसकी चपेट में आकर करीब 8 करोड़ पेड़ नष्ट हो गए थे। Will A Huge Asteroid Hit Earth In April 2020? NASA इसी तरह करीब आठ लाख साल पहले पृथ्वी से टकराए विशाल उल्कापिंड का मलबा तीन महाद्वीपों एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका तक फैल गया था। वह पृथ्वी के इतिहास का सबसे बड़ा उल्कापिंड माना जाता है। खगोल विज्ञान इतना उन्नत हो चुका है कि किसी बड़े पिंड के धरती से टकराने का सटीक पूर्वानुमान लगा सकेंगे। NASA का भी कहना है कि इस उल्का पिंड से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह धरती से कई किलोमीटर कि दूरी से गुजरेगा। फिलहाल कोरोना का संकट ज्यादा बड़ा है इसलिए उस पर ध्यान देना चाहिए। Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से