मप्र के 21 जिलों में पाये गये दुर्लभ खुरासनी इमली के 570 वृक्ष


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स्टोरी हाइलाइट्स

धार जिले के माण्डु और उसके आसपास से 2022-23 में बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़ कर तेलंगाना में यूनिक ट्री नामक निजी नर्सरी में ट्रांसप्लांट करने के लिए भेजा गया था..!!

भोपाल: उच्च न्यायालय के निर्देश पर मप्र के वन विभाग द्वारा सर्वेक्षण कराया गया तथा 21 जिलों में दुर्लभ खुरासनी इमली के 570 वृक्ष पाये गये। उल्लेखनीय है कि धार जिले के माण्डु और उसके आसपास से 2022-23 में बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति खुरसानी इमली के पेड़ों को उखाड़ कर तेलंगाना में यूनिक ट्री नामक निजी नर्सरी में ट्रांसप्लांट करने के लिए भेजा गया था। 

नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के कड़े विरोध पर इस मामले में सरकार को कार्यवाही करना पड़ी थी तथा इस प्रजाति के पूरे प्रदेश में कितने वृक्ष हैं, इसकी जानकारी मांगाई थी। वन विभाग ने सर्वेक्षण कर पाया है कि प्रदेश के 21 जिलों में ही खुरासनी इमली के वृक्ष हैं जिनमें से सर्वाधिक वृक्ष धार जिले में हैं जिनकी कुल संख्या 404 है। 

इंदौर जिले में 34, बुराहनपुर जिले में 26, जबलपुर जिले में 21, सिवनी जिले में 17, झाबुआ जिले में 11, टीकमगढ़ जिले में 10, देवास जिले में 7, मंदसौर जिले में 6, भोपाल जिले में 5, रायसेन, खरगौन, नीमच एवं राजगढ़ जिले में 4-4, सीहोर जिले में 3, बैतूल, बड़वानी, शाजापुर और रीवा जिले में 2-2, खण्डवा और हरदा जिले में 1-1 वृक्ष हैं। शेष जिलों में इनकी मौजूदगी नहीं पाई गई है।

उल्लेखनीय है कि खुरासानी इमली, जिसे मांडू इमली भी कहा जाता है, मप्र के मांडू में पाई जाने वाली एक विशेष प्रकार की इमली है। इसका नाम खुरासानी इसलिए है क्योंकि इसे 15वीं शताब्दी में अफगानिस्तान के खुरासान के सुल्तान ने खिलजी को उपहार स्वरूप दिया था। यह पेड़ बाओबाब प्रजाति से संबंधित है, जो अफ्रीका के शुष्क प्रदेशों में पाया जाता है। 

यह पेड़ बड़ा और विशाल होता है, जिसका तना मोटा और जड़ें फैली हुई होती हैं, यह ऐसा दिखता है जैसे इसे उल्टा करके लगाया गया हो। खुरासानी इमली का फल इमली की तरह खट्टा होता है, लेकिन यह बड़ा और आकार में गोल हो सकता है। खुरासानी इमली में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जैसे कि पेट दर्द, पेचिश, कब्ज, और कृमि संक्रमण को दूर करने में मदद करना।