अनिश्चितता भरे माहौल में ये 6 रणनीतियां मदद कर सकती हैं...


स्टोरी हाइलाइट्स

असुरक्षित महसूस करने पर दिमाग डोपामाइन हार्मोन सक्रिय कर देता है। यह लालच पैदा करता है। और सुकून की तलाश में लोग मदिरापान जैसे विकल्पों पर जाते हैं। सुकून, पहुंचाने वाली अच्छी चीजों की सूची बनाएं और अपनाएं।

हमारा दिमाग भविष्य की अस्पष्टता को एक खतरे की तरह देखता है। महामारी जैसे समय में जब हालात विपरीत है, फिलहाल असुरक्षा के साथ जीना ही एकमात्र सुरक्षा है। जब सब कुछ नियंत्रण से बाहर महसूस हो, तो इन रणनीतियों से हालात संभाल सकते हैं।

1. प्रतिकार ना करें: 

हालातों का विरोध इससे उबरने में मदद नहीं कर सकता। प्रतिकार से उल्टा तकलीफ बढ़ती है। स्वीकार करना शुरू करें। मनोविशेषज्ञ क्रिस्टीन नेफ के नेतृत्व में किया गया शोध कहता है कि स्वीकार्यता विशेष तौर पर खुद से स्वीकार्यता खुशी का गुप्त रहस्य है।

2. स्वस्थ तरीके खोजें:

असुरक्षित महसूस करने पर दिमाग डोपामाइन हार्मोन सक्रिय कर देता है। यह लालच पैदा करता है। और सुकून की तलाश में लोग मदिरापान जैसे विकल्पों पर जाते हैं। सुकून, पहुंचाने वाली अच्छी चीजों की सूची बनाएं और अपनाएं।

3. खुद पर ध्यान दें:

भविष्य का डर सताए, तो अपनी साँसों पर ध्यान दें। एक और प्रयोग करें कि जब भी हाथ धोएं तो खुद से सवाल पूछे कि अभी क्या हाल हैं? ध्यान दें कि आपका शरीर, मन क्या महसूस कर रहा है। चीजें नियंत्रण से बाहर लगें, तब भी खुद पर ध्यान दें।

4. खुद पर निवेश करें: 

इस वक्त आपके पास सिर्फ एक ही संसाधन है- आप स्वयं अपने शरीर, दिमाग और अंतर्मन के लिए समय निकालें। अक्सर लोग बुरे हालातों में नकारात्मक होकर अपनी परवाह करना छोड़ देते हैं। सेल्फ केयर करना सेल्फिश होना नहीं है।

5. हर बात ना सुने तनाव से:

दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपनी हर बात को सच ना माने, विशेष तौर पर ऐसी परिस्थितियों में, जब दिमाग में बुरे विचार ज्यादा आएं। इस दौरान हम भावनात्मक होकर सोचने लगते हैं, यह ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है।

6. निर्भर ना रहें:

दूसरों की जिंदगी में अपना महत्व पता चलने पर हम सबसे ज्यादा प्रेरित महसूस करते हैं। जब पता चले कि हमारे कामों से किसी और को फायदा मिल रहा है, तो अपने काम के प्रति अच्छा महसूस करने लगते हैं।

-क्रिस्टीन कार्टर, समाजशास्त्री और लेखक