भोपाल: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के दबाव में आकर राज्य सरकार ने सीहोर वन मंडल में पदस्थ आदिवासी डीएफओ एमएस डाबर को हटा दिया। जबकि डाबर का खिवनी सेंचुरी के अंतर्गत हुए अतिक्रमण हटाओ की कार्रवाई से कोई लेना-देना नहीं था। सरकार की इस कार्रवाई से पूरे जंगल महकमें के आईएफएस, एसीएफ और रेंजर्स में नाराजगी है। इससे फील्ड के अफसरों का मनोबल भी गिरा है।
गत दिनों खिवनी सेंचुरी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में खरगोन और बड़वानी के भील-भिलाला आदिवासियों ने आकर अतिक्रमण कर मकान बना लिए थे। देवास डीएफओ अमित चौहान ने बारिश के मौसम में अतिक्रमण की कार्रवाई की।
अतिक्रमण हटाए जाने से प्रभावित आदिवासी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के पहुंच कर अपनी आप बीती सुनाई। इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ बैठक की और डीएफओ को हटाने का दबाव बनाया। देवास डीएफओ अमित चौहान सत्ता के गलियारों में खासी पकड़ रखने के साथ-साथ एसीएस फारेस्ट अशोक वर्णवाल के गुड बुक में भी है।
यही वजह रही कि डीएफओ हटाने की बात चली तो आदिवासी डीएफओ एमएस डाबर को बलि का बकरा बना दिया गया। डाबर को हटाए जाने के बाद से यह सवाल प्रशासनिक गलियारों में यक्ष प्रश्न बनकर हवा में तैर रहा है कि आखिर डाबर का कसूर क्या है..?