मध्य प्रदेश में बाघों की बढ़ती संख्या से हो रही जन एवं पशु हानि से निपटने नई योजना लांच हुई


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश के नौ टाइगर रिजर्व से लगे 8 हजार 109.531 वर्ग किलोमीटर के बफर क्षेत्रों में 941 ग्राम हैं जिनमें 5 लाख 95 व्यक्ति रह रहे हैं..!

भोपाल। मध्य प्रदेश के नौ टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या में निरन्तर इजाफा हो रहा है तथा पिछले चार सालों में बाघों की संख्या 526 से बढक़र 785 हो गई है। इससे नये आवास की तलाश में वन्यप्राणी, टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र एवं उनसे लगे ग्रामों में आ रहे हैं जिसके कारण मानव-वन्यप्राणी द्वन्द की घटनायें बढ़ रही हैं। 

वर्ष 2018 में वन्यप्राणी से जनहानि के के 42 प्रकरण थे जो वर्ष 2023 में बढक़र 82 हो गये। इसी प्रकार, वर्ष 2018 में पशु हानि के 8 हजार प्रकरण थे जो वर्ष 2023 में बढक़र 14 हजार हो गये। इनमें वन विभाग को काफी धनराशि क्षतिपूर्ति के रुप में अदा करनी पड़ी है। इसलिये राज्य सरकार ने एक नवीन योजना लांच की है जिसे टाइगर रिजर्व के अंतर्गत बफर क्षेत्रों का विकास नाम दिया गया है तथा इस योजना के तहत इस साल वर्ष 2025-26 में 25 करोड़ रुपये वर्ष 2026-27 में 50 करोड़ रुपये और वर्ष 2027-28 में 70 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।

उक्त तीन वर्षीय योजना में कुल 145 करोड़ रुपये खर्च होंगे तथा इस राशि से सात मदों पर कार्य किये जायेंगे यथा एक, संवेदनशील क्षेत्रों में चेनलिंक फेंसिंग। दो, वन्यप्राणी सुरक्षा। तीन, चारागाह विकास। चार, जलस्रोतों का विकास। पांच अग्रि सुरक्षा। छह, वन्यप्राणी उपचार एवं स्वास्थ्य परीक्षण। सात, वन अमले और समीप के ग्राम वासियों का कौशल उन्नयन। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के नौ टाइगर रिजर्व से लगे 8 हजार 109.531 वर्ग किलोमीटर के बफर क्षेत्रों में 941 ग्राम हैं जिनमें 5 लाख 95 व्यक्ति रह रहे हैं। अब उक्त स्वीकृत राशि इन्हीं टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों के विकास में व्यय की जायेगी।