मंत्री शाह ने खिवनी अभयारण्य की कार्रवाई को जायज बताया


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स्टोरी हाइलाइट्स

खिवनी अभ्यारण्य की स्थापना वर्ष 1955 में की गई। इसके पश्चात वन अधिकार अधिनियम 2006 अंतर्गत 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व बसे परंपरागत वन वासियों को अभ्यारण्य में वन भूमि पर नियमानुसार पट्टे प्रदाय कर दिये गये थे..!!

भोपाल: जनजातीय कल्याण मंत्री विजय शाह ने सीहोर एवं देवास जिले में स्थित खिवनी अभयारण्य में दिनांक 23 जून को कक्ष क्रमांक 215, 209 एवं 203 में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जायज बताई है। अपने सोशल मीडिया आकउण्ट में विजय शाह ने इस बारे में लिखा कि खिवनी अभ्यारण्य की स्थापना वर्ष 1955 में की गई। 

इसके पश्चात वन अधिकार अधिनियम 2006 अंतर्गत 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व बसे परंपरागत वन वासियों को अभ्यारण्य में वन भूमि पर नियमानुसार पट्टे प्रदाय कर दिये गये थे। इस कार्यवाही के पश्चात अभ्यारण्य में किसी भी व्यक्ति के अधिकारों को दिया जाना शेष नही रह गया। 

वर्ष 2016 से 2017 तक कुल 96 हितग्रहियों को 10 लाख रुपये मुआवजा कुल 9.6 करोड़ रुपये दिये जाकर विस्थापित किया गया था। शाह ने आगे लिखा कि 23 जून 2025 को अभ्यारण्य के कक्ष क्रमांक 215, 209 एवं 203 में की गई अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के एक माह पूर्व संबंधित अतिक्रमणकारियों को नियमानुसार नोटिस दिये गये थे जिसमें अतिक्रमणकारियों को सूचित किया गया था कि आपके द्वारा उक्त वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है जिसमें अपना अभिमत प्रस्तुत करने एवं उक्त भूमि से संबंधित उनके अधिकारों के वैद्य दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया था। 

अतिक्रामकों द्वारा भूमि के वैध दस्तावेज प्रस्तुत ना करने पर 14 जून 2025 को बेदखली आदेश नियमानुसार जारी किये गये। सम्बंधित परिवारों को लगातार वर्ष 2022, 2023 एवं 2024 में भी स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने हेतु लगातार निर्देशित किया जा रहा था। मंत्री ने लिखा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में 29 परिवारों के कुल 51 लोग प्रभावित हुए जिनमें से 49 के प्रधान मंत्री आवास पूर्व से स्वीकृत हैं और उनका पक्का मकान खिवनी खुर्द के राजस्व ग्राम में बना हुआ है तथा 2 लोग अपने परिवार के बने आवास में निवासरत हैं। 

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी आदिवासी परिवार को हर संभव सहायता करने तथा मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए सभी प्रभावित परिवार को 6 माह का अतिरिक्त खाद्य राहत सामग्री एवं त्रिपाल प्रदाय किये गये हैं तथा सभी परिवार को 20 हजार रुपये की सहायता राशी भी प्रदाय की गई है और पका हुआ भोजन भी उपलब्ध किया जा रहा है।