कृषि उपज मंडियों पर एमपी फार्म गेट के गलत उपयोग पर रोक लगाई


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स्टोरी हाइलाइट्स

फार्म गेट एप का उपयोग कृषक के घर/खलिहान/गोदाम से कृषक द्वारा निर्धारित दाम पर व्यापारियों को उपज के विक्रय में ही किया जा सकता है..!

भोपाल। मध्य प्रदेश के स्टेट मंडी बोर्ड ने कृषि उपज मंडियों द्वारा एमपी फार्म गेट एप के गलत उपयोग पर रोक लगा दी है। मंडी आयुक्त कुमार पुरुषोत्तम ने इस संबंध में सभी मंडी समितियों के सचिवों को निर्देश जारी कर कहा है कि मंडी प्रांगण में सम्पूर्ण विपणन की कार्यवाही ई-मंडी योजना अंतर्गत किया जाना है न कि फार्म गेट एप द्वारा। 

फार्म गेट एप का उपयोग कृषक के घर/खलिहान/गोदाम से कृषक द्वारा निर्धारित दाम पर व्यापारियों को उपज के विक्रय में ही किया जा सकता है।

मंडी आयुक्त ने सभी मंडियों को अप्रैल-मई माह के लिये नये लक्ष्य भी दिये हैं जिसके तहत अ वर्ग की मंडियों में न्यूनतम ढाई हजार, ब वर्ग की मंडियों में न्यूनतम 1300, स वर्ग की मंडियों में न्यूनतम 700 तथा द वर्ग की मंडियों में न्यूनतम 100 कृषकों का पंजीयन एमपी फार्मगेट पर पंजीयन करना होगा। 

उल्लेखनीय है कि एमपी फार्म गेट एप के माध्यम से कृषक अपनी उपज अपने घर से ही बेच सकते हैं तथा इसके लिये उन्हें अपनी उपज मंडी प्रांगण में लाने की जरुरत नहीं होती है और हम्माल व तुलावटी पर होने वाले व्यय में भी बचत होती है तथा परिवहन एवं बोरों का व्यय व्यापारी द्वारा वहन करने से कृषक को लाभ होता है और व्यापारी सीधे कृषक के घर से उनकी उपज कृषक द्वारा दिये दाम पर खरीद लेते हैं।