MP News: मध्य प्रदेश वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों के खर्चों पर नियंत्रण के लिए पत्र भेजा है। विभाग ने सभी विभागों को लिखे पत्र में कहा कि रु. 30 करोड़ से अधिक के भुगतान के लिए अनुमति लेना अनिवार्य। यानी वित्त विभाग के आदेश के बिना विभागीय अधिकारी अब 30 करोड़ से कम का ही भुगतान कर सकेंगे।
वित्त विभाग ने अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि फ्लैगशिप योजनाओं के अलावा अन्य योजनाओं के भुगतान के लिए विभागों को यह अनुमति लेनी होगी।
आपको बता दें मध्य प्रदेश सरकार वित्तीय प्रबंधन में जुटी है, मप्र सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज ले रखा है। सिर्फ एक महीने में सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया। लगातार कर्ज लेने के बाद अब सार्वजनिक क्षेत्र की योजनाओं में कटौती देखने को मिल सकती है।
वित्तीय संकट से जूझ रही मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए अगस्त में 33 विभागों की 70 से ज्यादा योजनाओं पर वित्तीय प्रतिबंध लगा दिया था। इन योजनाओं में पेमेंट से पहले वित्त विभाग की ओर से हरी झंडी देने की बात कही गयी थी, यानी वित्त विभाग की मंजूरी के बाद ही विभाग को इन योजनाओं में पैसा खर्च करने की अनुमति दी गयी थी।