डीएफओ ने कर्मचारियों पर निकाली 2.82 करोड़ की सागौन कटाई की वसूली, थमाया नोटिस


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स्टोरी हाइलाइट्स

अफसर की नादिरशाही से मानसिक दवाब में आये वनपाल और वन रक्षक, पूर्व वन अधिकारी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को लिखा पत्र..!!

भोपाल:नर्मदापुरम वन मंडल (सामान्य) के कर्मचारी इन दिनों डीएफओ की नादिरशाही रवैये से भारी मानसिक दवाब में चल रहे है। डीएफओ द्वारा अवैध सागौन कटाई के मामले में 2 करोड़ 82 लाख रुपये की वसूली को लेकर थमाए गए नोटिस से वनपाल और वन रक्षकों की नींद उड़ गई है। वर्ष 2004 में जारी संरक्षण शाखा द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार डीएफओ के रिकवरी आदेश में तकनीकि खामियां है। परिपत्र के अनुसार यदि अवैध सागौन कटाई में वन कर्मियों की संलिप्तता पाई जाती है तब वसूली करने का प्रावधान है। यानि डीएफओ स्वयं को बचाने के लिए वनकर्मियों से ही 2 करोड़ 82 लाख रुपये वसूल करने का फरमान जारी किया है।

इस मामले में पूर्व वन अधिकारी ने प्रधान  मुख्य वन संरक्षक भोपाल को ज्ञापन पत्र लिखा है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि  वन मंडलाधिकारी नर्मदापुरम (सामान्य) ने छिपीखापा बीट में 2 करोड़ 82 लाख रुपए मूल्य की सागौन वृक्षों की अवैध कटाई मामले में वनपाल और तीन वनरक्षकों को प्रभार की बीट छीपीखापा नियमित भ्रमण न करने, अवैध कटाई का समय पर संजान नहीं लेने तथा वास्तविक अवैध कटाई को वरिष्ठ से छिपाने का कदाचरण किये जाने के फलस्वरूप रिकवरी आदेश जारी किया है। 

अपनी नाकामियों को छुपाते हुए डीएफओ गुर्जर ने  अजय श्रीवास्तव को  72,56,705 रुपये , अजय गौर वनरक्षक को  66,42,526 रुपये,  राजेश सरियाम वनरक्षक को  60,17,660 रुपये  और राजेश यादव वनरक्षक को  63,68,500 रुपये  मूल्य की हानि राशि के लिए जिम्मेदार मानकर वसूली नोटिस जारी किया है। इससे कर्मचारी भारी मानसिक तनाव में है कि  इतनी बड़ी राशि कहां से भर पाएंगे? जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वन सुरक्षा हेतु कर्मचारियों को पदस्थ नहीं करना भी इस अवैध कटाई का एक मुख्य कारण है। 

यहां यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि डीएफओ ने अपनी टूर डायरी में छिपीखापा दौरे का उल्लेख है। इस टूर के मुताबिक डीएफओ को तेंदुआ और बाघ के पग मार्क का उल्लेख किया पर उन्हें अवैध कटाई के ठूँठ दिखाई नहीं दिए। यानि डीएफओ अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकते है। दो दशक पहले बैतूल में मात्र 200 से अधिक सागौन पेड़ के कटने पर डीएफओ को न केवल निलंबित कर दिया था बल्कि उन्हें बर्खास्त करने की पहल शुरू हो गई थी। वन विभाग के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी अवैध कटाई के मामले में नर्मदापुरम सीसीएफ अशोक कुमार स्ववं डीएफओ को बचाने में लगे है। यहां तक कि वे मुख्यालय और शासन को भी गुमराह कर रहें हैं। 

नर्मदा पुरम में हुई सबसे बड़ी अवैध कटाई की गूंज विधानसभा में देगी सुनाई

वन विभाग के इतिहास में नर्मदापुरम वन मंडल के अकेले छिपीखापा बीट में सबसे बड़ी अवैध कटाई के मामले की अनुगूंज विधानसभा में सुनाई देगी। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायक मुख्य्मंत्री डॉ मोहन यादव को घेरने का मन बनाया है, क्योंकि यह विभाग उनके पास है। कांग्रेस का सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में हुई कटाई के मामले में सीसीएफ, डीएफओ और एसडीओ के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई।