CM परिवार की आस्था यात्रा, नवदांपत्य जीवन की मंगल कामना के साथ नर्मदा परिक्रमा पर निकले डॉ. अभिमन्यु- डॉ. इशिता


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

खंडवा जिले की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर स्थित ब्रह्मपुरी घाट से विधिवत पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चार और संतों के आशीर्वाद के साथ इस आध्यात्मिक यात्रा का शुभारंभ हुआ। परिक्रमा से पूर्व दोनों ने संत विवेक गुरु से आशीर्वाद प्राप्त कर मां नर्मदा की शरण में स्वयं को समर्पित किया..!!

भोपाल/ओंकारेश्वर: भारतीय संस्कृति में विवाह के बाद धर्म, साधना और सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ना जीवन को दिशा देने वाला माना गया है। इसी परंपरा का सुंदर निर्वहन करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सुपुत्र डॉ. अभिमन्यु यादव एवं नववधू डॉ. इशिता यादव ने नवविवाहित जीवन के प्रथम चरण में मां नर्मदा की पावन परिक्रमा का संकल्प लिया।

Image

खंडवा जिले की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर स्थित ब्रह्मपुरी घाट से विधिवत पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चार और संतों के आशीर्वाद के साथ इस आध्यात्मिक यात्रा का शुभारंभ हुआ। परिक्रमा से पूर्व दोनों ने संत विवेक गुरु से आशीर्वाद प्राप्त कर मां नर्मदा की शरण में स्वयं को समर्पित किया।

धर्म के मार्ग पर पहला कदम

हाल ही में 30 नवंबर को उज्जैन में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में डॉ. अभिमन्यु यादव का विवाह डॉ. इशिता यादव के साथ संपन्न हुआ। विवाह के पश्चात परंपरा, आस्था और संस्कारों के अनुरूप नर्मदा परिक्रमा करने का निर्णय लिया गया।

Image

यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि नवदांपत्य जीवन की मंगल कामना, पारिवारिक सुख-शांति और समाज के कल्याण का संकल्प है।

लगभग 15 दिनों तक चलने वाली यह नर्मदा परिक्रमा ओंकारेश्वर से प्रारंभ होकर महेश्वर, बड़वानी, राजपीपला-गरुड़ेश्वर, भरूच होते हुए नर्मदा सागर संगम (खंभात की खाड़ी) तक पहुंचेगी।इस पुण्य यात्रा में मुख्यमंत्री परिवार के अन्य सदस्य भी सहभागी हैं—

बड़े बेटे वैभव यादव, बहू, बेटी डॉ. अकांक्षा यादव एवं दामाद भी पूरे श्रद्धा भाव से इस आध्यात्मिक सफर में साथ चल रहे हैं।परिक्रमा के दौरान डॉ. अभिमन्यु यादव एवं डॉ. इशिता यादव नंगे पांव, सफेद वस्त्रों में, सिर पर कलश धारण किए मां नर्मदा की आराधना करते हुए दिखाई दिए।

Image

मुख्यमंत्री परिवार की सादगी, धार्मिक आस्था और भारतीय मूल्यों को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है।

डॉ. अभिमन्यु यादव का मानना है कि “कोई भी शिक्षा या पेशा व्यक्ति को उसकी जड़ों से दूर नहीं कर सकता। डॉक्टर होने के नाते मरीजों की सेवा हमारा कर्तव्य है, लेकिन धर्म और संस्कृति से जुड़ाव जीवन को संतुलन देता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि आज के युवाओं में संस्कारों के प्रति बढ़ती जागरूकता समाज के लिए शुभ संकेत है।

यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री परिवार ने नर्मदा परिक्रमा की हो। इससे पूर्व बड़े पुत्र वैभव यादव भी मां नर्मदा की परिक्रमा कर चुके हैं। ऐसे में यह यात्रा यादव परिवार के लिए आस्था, परंपरा और आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक बन चुकी है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की “सादा जीवन, उच्च विचार” की सोच परिवार के प्रत्येक निर्णय में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

Image

सादगी भरे विवाह का संदेश

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने बेटे अभिमन्यु का विवाह सामूहिक विवाह सम्मेलन में संपन्न कराकर सादगी की मिसाल पेश की।

उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर आयोजित इस सम्मेलन में 21 जोड़ों का विवाह एक साथ हुआ। न कोई VIP तामझाम, न अलग मंडप—बल्कि सामाजिक समानता और सामूहिक सहभागिता का संदेश दिया गया।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि

“विवाह में दिखावे की नहीं, सादगी और सामाजिक समरसता की आवश्यकता है।”

इससे पहले फरवरी 2024 में उनके बड़े बेटे वैभव यादव का विवाह भी राजस्थान के पुष्कर में सादगी के साथ संपन्न हुआ था।

आस्था, संस्कार और समाज के नाम संदेश

नर्मदा परिक्रमा पर निकला मुख्यमंत्री परिवार यह संदेश देता है कि राजनीतिक पद, शिक्षा या आधुनिक जीवनशैली—किसी भी स्थिति में भारतीय संस्कारों से दूरी नहीं बननी चाहिए।

यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत आस्था की अभिव्यक्ति है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा भी है कि धर्म, संस्कृति और सादगी ही जीवन की सच्ची समृद्धि है।