मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार 10 अक्टूबर को कालिदास अकादमी परिसर में दिव्यांगजनों के लिए आयोजित उपकरण वितरण शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगजन अपने आप को कम न आंके परमात्मा ने आपको विशिष्ट शक्तियां प्रदान की हैं। महर्षि अष्टावक्र भी दिव्यांग थे लेकिन शास्त्रार्थ में उन्हें कोई भी पराजित नहीं कर सकता था वे अत्यंत विद्वान थे।
ईश्वर यदि हमें कोई कमजोरी देता है तो साथ ही विशिष्ट शक्ति भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सेवा सप्ताह के अंतर्गत दिव्यांगजनों को उपकरण वितरित किए जा रहे हैं। यह मानव सेवा भी है और एक प्रकार का आत्मिक सुख भी। सभी उपकरणों का अपने आप में बहुत महत्व होता है। श्रवण यंत्र का उपयोग करने के बाद श्रवण शक्ति का आभास होता है। इससे अत्यंत सुखद अनुभव होता है। हमारा शरीर ब्रह्मांड का स्वरुप है। नर सेवा भी वास्तविक अर्थों में ईश्वर की सेवा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन विशिष्ट शक्तियों को पहचानें, कठोर परिश्रम करें और जीवन में सफलता प्राप्त करें।
सीएम डॉ. यादव ने सभी दिव्यांगजनों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने दिव्यांगजनों को स्कूटी, स्पेशलाईज्ड ट्राइसिकल, वाकिंग स्टीक्स वितरित की। उन्होंने कहा कि मोटराइज्ड व्हीलचेयर और स्कूटी मिलने से दिव्यांग भाइयों और बहनों को रोजगार में सहायता होगी और उनके दैनिक जीवन में कार्य करने में सरलता आयेगी। इस अवसर पर सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि किसानों के हित के लिए सीएम डॉ. यादव के निर्देश पर फसल क्षति पर राहत राशि दी जा रही हैं और कृषकों को फसल का उचित भाव दिलाने के लिए भावांतर योजना की भी शुरुआत की गई है।
सीएम डॉ. यादव ने स्व. भूरेलाल फिरोजिया की स्मृति और सामाजिक शोध संस्थान द्वारा आयोजित सेवा कार्यक्रम में 146 दिव्यांग हितग्राहियों को 1 करोड़ 25 लाख रुपए की राशि से इलेक्ट्रिक स्कूटर, कान की मशीन, वॉकिंग स्टीक, व्हीलचेयर आदि उपकरण वितरण किए।
सीएम डॉ. यादव ने मानव सेवा के लिए जिले की 6 नगर परिषदों माकडोन, उन्हेल, नागदा, खाचरौद, तराना और बड़नगर को शव वाहन भी वितरण किये। इलेक्ट्रिक स्कूटर चालकों को सीएम डॉ. यादव ने चाबी सौंपी और हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सीएम डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। कार्यक्रम का आभार सुदर्शन ने माना। इस अवसर पर विधायक सतीश मालवीय, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संजय अग्रवाल, राजेंद्र भारती और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।