भोपाल: राज्य सरकार ने बरसों पुराने चार कानून खत्म कर दिये हैं। इसके लिये गत 6 अगस्त 2025 को मप्र विधानसभा में जनविश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक पारित किया गया था, जिसे अब राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने मंजूरी प्रदान कर दी है और अब यह एक्ट के रुप में प्रभावशील हो गया है। इस एक्ट में ही उक्त चार कानूनों को खत्म करने का प्रावधान है।
ये कानून खत्म हुये :
78 वर्ष पूर्व बना मप्र कपास सांख्यिकी अधिनियम 1947, 71 साल पहले बना मप्र कपास नियंत्रण अधिनियम 1954, 69 वर्ष पूर्व बना मप्र भारत कृषि उपज तौल विनियमन अधिनियम 1956 तथा 57 साल पहले बना मप्र चेचक टीका अधिनियम 1968 अब निरस्त हो गये हैं। इनके लिये जनविश्वास संशोधन अधिनियम में कहा गया है कि राज्य सरकार कानून की किताबों में पड़े मप्र के ऐसे अनावश्यक और अप्रभावी कानूनों को निरसित करने के लिये प्रतिबध्द है, जो अप्रचलित, अनावश्यक हैं तथा अपना महत्व खो चुके हैं।
नदियों में मछलियां नष्ट करने पर होगा अब कारावास :
नये जनविश्वास संशोधन कानून के तहत अब अंतर्देशीय जल में विस्फोटकों, रासायनिक पदार्थों, आग्रेयास्त्रों, धनुष बाणों अथवा अन्य किसी प्रकार के उपकरणों द्वारा मछलियों को नष्ट करना या नष्ट करने का कोई प्रयास करना प्रतिबंधित होगा तथा प्रावधान का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति के विरुध्द मप्र मत्स्य एक्ट 1948 के तहत संज्ञेय अपराध दर्ज किया जायेगा और न्यायालय में दोष सिध्द होने पर उसे एक साल के कारावास से दण्डित किया जा सकेगा।