भोपाल:राज्य शासन का वन विभाग अशोकनगर वनमण्डल के परिक्षेत्र चंदेरी के वन्यजीवों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से चंदेरी अभयारण्य के गठन की तैयारी कर रहा है। इसके लिये शिवपुरी वृत्त के वन संरक्षक एवं भोपाल स्थित वन्यप्राणी शाखा ने भी अनुशंसा की है। प्रस्तावित क्षेत्र की माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी से दूरी 125 किमी तथा वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से 210 किमी की दूरी है। साथ ही यह बाघ एवं चीता कारीडोर को जोड़ने वाला होगा।
चन्देरी अभयारण्य हेतु परिक्षेत्र चंदेरी (उत्तर) का 158.976 वर्ग किमी क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है। इसमें आरक्षित वन 44.683 वर्ग किमी तथा संरक्षित वन 114.293 वर्ग किमी शामिल किया गया है। इस प्रस्तावित अभयारण्य क्षेत्र में सांभर, नीलगाय, चीतल, चिंकारा, भेडक़ी, जंगली सुअर, लंगूर बंदर, जंगली बिल्ली, कृष्णमृग, सियार, गीदड़, लक्ड़बग्गा, तेंदुआ आदि वन्यजीव तथा अनेक प्रजाति के पक्षी पाये जाते हैं और यह बाघ एवं चीता के आने-जाने का भी कारीडोर भी है।
प्रस्तावित क्षेत्र में कोई राजस्व एवं वनग्राम नहीं है। प्रस्तावित क्षेत्र में मिश्रित प्रजाति के युवा आयु के वृक्ष तथा सघन एवं विरल वन है। तेन्दूपत्ता एवं अन्य जड़ी-बुटी संग्रहण से रूपये 3 लाख 27 हजार 500 रुपये की वार्षिक आय होती है। इस क्षेत्र में युवा वर्ग का वन क्षेत्र होने से कोई इमारती/ जलाऊ काष्ठ विदोहन किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
चंदेरी अभयारण्य बनाने के प्रस्ताव को जनप्रतिनिधिगण विधायक चंदेरी जगन्नाथ सिंह रघुवशी, विधायक अशोकनगर इंजी हरिबाबू राय एवं विधायक मूंगावली ब्रजेन्द्र सिंह यादव ने भी सहमति दी है। प्रस्तावित अभयारण्य क्षेत्र से 10 किमी की परिधि में 118 ग्राम आते हैं तथा प्रस्तावित क्षेत्र में कुल 109 वन अधिकार पत्र 100.289 हेक्टेयर वनभूमि में आवंटित किये गये हैं।
डॉ. नवीन आनंद जोशी