राजधानी भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को मध्य प्रदेश सरकार का निवेश ड्रामा बताया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश की स्थिति 2023 के स्तर पर पहुंच गई है। इससे पहले आठवें समिट के दौरान 32 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई थी।
सीएम मोहन यादव ने कई बयान दिए, जिन्हें मीडिया ने व्यापक रूप से कवर किया, जिससे लोगों में सकारात्मक आर्थिक प्रभावों की उम्मीदें जगीं। हालाँकि, जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। इससे मध्य प्रदेश सरकार की निवेश नौटंकी का पर्दाफाश होता है।
जीतू पटवारी ने आंकड़े दिखाते हुए कहा कि वर्ष 2023 में आयोजित इन्वेस्टर समिट में 15 लाख करोड़ रुपए आने की बात कही गई थी, लेकिन इसमें केवल 1 लाख 95 हजार करोड़ रुपए का ही निवेश हुआ। इससे कितने रोजगार सृजित हुए? रोजगार पंजीयन कार्यालय के पिछले वर्ष के आंकड़ों के अनुसार 37 लाख रोजगार पंजीयन हुए और सरकार ने कहा कि हमने 38 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है।
वहीं, वर्ष 2023 में आयोजित इन्वेस्टर समिट में सरकार ने 29 लाख युवाओं को रोजगार देने का दावा किया था, लेकिन मात्र 3800 नौकरियां ही मुहैया कराई गईं। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार युवाओं के वोट तो लेना चाहती है लेकिन उन्हें रोजगार नहीं देना चाहती। उन्होंने आगे कहा कि इंदौर के अलावा सरकार ने किस शहर का विकास किया है? जबलपुर, ग्वालियर स्मार्ट सिटी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गए हैं।