भोपाल। मध्य प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समग्र पोर्टल को सुदृढ़ कर सिंगल सिटीजन डेटाबेस स्थापित किया जा रहा है जिसका उद्देश्य राज्य में एक पेपरलेस एवं फेसलेस गवर्नेन्स सिस्टम स्थापित करना तथा विभिन्न विभागों की योजनाओं एवं सेवाओं को सरलता के साथ नागरिकों तक पहुंचाना है जिससे नागरिकों से बार-बार दस्तावेज मांगने की आवश्यक्ता नहीं होगी।
उक्त बातें सामाजिक न्याय विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को भेजे पत्र में कही है तथा छह बिन्दुओं पर विभाग की विभिन्न योजनाओं के संबंध में कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये हैं। एक, समग्र पोर्टल पर आधार ईकेवायसी उपरान्त आवेदक के नाम, पते, जन्म दिनांक, लिंग, वैवाहिक स्थिति, पिता/पति का नाम, वर्ग आदि को प्रमाणित मानकर आगामी कार्यवाही की जाये और पृथक से दस्तावेज नहीं मांगे जायें।
दो, जिन योजनाओं में बीपीएल कार्ड की अनिवार्यता है, उसमें आवेदक के बीपीएल स्टेटस का सत्यापन स्थानीय निकाय द्वारा बीपीएल पोर्टल पर किया जाये और पृथक से बीपीएल कार्ड नहीं मांगा जाये। तीन, दिव्यांगजनों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी एनआईसी के स्पर्श पोर्टल से किया जाये और इसमें भी पृथक से दिव्यांगता का सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाये। चार, आवेदक आयकर दाता है या नहीं, शासकीय कर्मचारी है या नहीं, परिवार पेंशन मिल रही है या नहीं, इसकी पुष्टि आवेदक के स्वप्रमाणित घोषण पत्र से की जाये।
पांच, आवेदन में कोई दस्तावेज अथवा जांच अपेक्षित भी हो तो उसका निराकरण निश्चित समय सीमा में ही किया जाये अन्यथा विलम्ब की स्थिति में संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी के विरुध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। छह, गलत जानकारी प्रदान कर योजना का अनुचित तरीके से लाभ लेने पर संबंधित आवेदनकर्ता के विरुध्द कार्यवाही की जाये और प्रदाय की गई राशि सरकारी खजाने में लौटाई जाये।