Bhopal: आईएफएस अधिकारी किरण बिसेन को विभागीय जांच में बेदाग मिलने पर मप्र सरकार ने भी उन्हें दोषमुक्त कर दिया है। अब उनके पदोन्नति के लिए बंद लिफाफा खोलकर उन्हें वन संरक्षक बनाया जायेगा। साल भर से विभागीय जांच रिपोर्ट पर निर्णय के लिए एसीएस अशोक वर्णवाल के लंबित था।
दरअसल वर्ष 2009 बैच की आईएफएस किरण बिसेन जब पश्चिम छिन्दवाड़ा सामान्य वनमंडल में डीएफओ के पद पर पदस्थ थीं तब उनके खिलाफ 17 जनवरी 2022 को तीन आरोप पत्र जारी किये गये थे जिसमें मुख्यतः वर्ष 2017-18 के लिए आदिवासी उप योजना, विशेष केन्द्रीय सहायता मद में अंतरित राशि से कार्यों का क्रियान्वयन, लाइन डिपार्टमेंट (वन विभाग) द्वारा न कराया जाकर जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्या. सहकारी संस्था से कराया जाने, कराये जाने वाले कार्यों हेतु संचालक मंडल का अनुमोदन प्राप्त नहीं करने, स्वीकृत योजना के मूल प्रस्ताव से पृथक अनुसूचित जाति के 24 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 20 लोगों को भी योजनांतर्गत लाभदेने तथा आदिवासी उप योजना, विशेष केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत वर्ष 2017-18 हेतु आवंटित राशि से योजना के क्रियान्वयन में, विभिन्न सामग्री क्रय, सेवा का उपार्जन, एवं सामग्रियां जैसे लाख बीज, संग्रहण हेतु आवश्यक उपकरण आदि क्रय करने में मप्र भंडार क्रय नियम 2015 का पालन किये बगैर दिव्य सागर सोसायटी भोपाल को आवंटित सम्पूर्ण राशि का भुगतान धनादेश द्वारा करने संबंधित आरोप अधिरोपित किए गये थे।
वन विभाग द्वारा जारी आरोप पत्र का बिसेन द्वारा प्रस्तुत प्रतिउत्तर संतोषजनक न होने के कारण विभाग ने 21 फरवरी 2024 को विभागीय जांच बैठा दी। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें किरण बिसेन के विरूद्ध अधिरोपित तीन आरोपों में से कोई भी आरोप प्रमाणित नहीं पाया गया। वन बल प्रमुख ने भी परीक्षण में पाया कि जिला यूनियन की उपविधि के अनुसार तात्कालिक महत्व के कार्यों को संपादित करने के लिए प्रबंध संचालक जिला यूनियन यानि डीएफओ अधिकृत है।
लघु वनोपज के हितग्राहियों के लिए परियोजना बनाकर प्रेषित करना तथा उपयुक्त स्तर से स्वीकृति प्राप्त करने के लिए संचालक मण्डल का अनुमोदन आवश्यक नहीं है। लाख प्रशिक्षण सह सामग्री वितरण परियोजना भी संस्था द्वाराः तैयार करके प्रस्तुत की गयी है। सक्षम एवं शर्तों को पूर्ण करने वाली स्वयंसेवी संस्था से प्राप्त प्रस्ताव को अग्रेषित किया गया है। परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना तामिया को अग्रेषित परियोजना प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि यह कार्य दिव्यसागर सोसाइटी के द्वारा संपादित किया जाएगा एवं उसी के आधार पर परियोजना स्वीकृत की गयी है।