खुशी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस: जानें खुशी दिवस क्यों मनाया जाता है।


स्टोरी हाइलाइट्स

#InternationalDayofHappiness

[caption id="attachment_14262" align="alignnone" width="1317"] Close up of helpful carer hand and happy old man[/caption] दुनिया में हर चीज के लिए एक दिन अलग है। खुशी मनाने के लिए एक 'अंतर्राष्ट्रीय खुशी का दिन' भी है। संयुक्त राष्ट्र हर साल 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस

"World Happiness Day

मनाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 2013 में इसे मनाना शुरू किया।  जानें इस दिन को क्यों मनाया जाता है।  विश्व खुशी दिवस क्यों मनाया जाता है?  दुनिया भर के लोगों में खुशी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र 20 मार्च को इस दिन को मनाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 जुलाई 2012 को इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया। संयुक्त राष्ट्र के लिए इस दिन का जश्न प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता जेमी इलियान के प्रयासों का परिणाम था। उनके विचारों ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को प्रेरित किया और इसलिए 20 मार्च, 2013 को अंतर्राष्ट्रीय खुशी का दिन घोषित किया गया।  संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों में 'खुशी' की जगह संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में गरीबी उन्मूलन, असमानता को कम करने और हमारे ग्रह की रक्षा करने के उद्देश्य से 17 सतत विकास लक्ष्यों की घोषणा की। अच्छे जीवन और खुशी के लिए इन तीन प्रमुख पहलुओं को आवश्यक माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र दुनिया के नीति निर्माताओं और नीति निर्माताओं का ध्यान खुशी के अंतिम लक्ष्य पर रखने की कोशिश कर रहा है। 

World Happiness Day

खुशी कितनी जरूरी है? संयुक्त राष्ट्र का मानना ​​है कि स्थायी विकास, गरीबी उन्मूलन और दुनिया में खुशी के लिए आर्थिक विकास में समानता, समावेश और संतुलन की दृष्टि की आवश्यकता है। खुशी को महत्व देने की औपचारिक पहल भूटान जैसे छोटे देश द्वारा की गई थी जो 1970 के दशक के बाद से अपनी राष्ट्रीय आय की तुलना में राष्ट्रीय खुशी के मूल्य को अधिक महत्व दे रहा है। तब से राष्ट्रीय कुल खुशी को राष्ट्रीय कुल उत्पाद की तुलना में अधिक महत्व दिया गया है।    वर्ष 2021 का विषय क्या है? हर साल संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक दिन के लिए एक नई थीम की घोषणा की जाती है, जिसके आधार पर इस दिन को मनाया जाता है यानी इसे उसी थीम पर केंद्रित करके मनाया जाता है। कोविड -19 का प्रभाव इस वर्ष भी समान है। महामारी के मद्देनजर कोविड इस वर्ष का विषय है। शांत रहो, बुद्धिमान बनो और दयालु बनो।  यह विषय क्यों?  इस विषय को रखने के पीछे का उद्देश्य कोविड महामारी से उत्पन्न निराशा के बीच खुद को खुशी पाने के लिए प्रेरित करना है। जब हम शांत रहने का लक्ष्य बनाते हैं तो हम खुद को याद दिलाते हैं कि सब कुछ हमारे नियंत्रण में नहीं है। एक बुद्धिमान निर्णय लेना सभी के लिए मददगार साबित होता है और हमें सकारात्मक रखेगा। साथ ही, यह एक-दूसरे के लिए करुणा बनाए रखने में मदद करेगा। हमें कोरोना के समय में इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।  चाहे वह दुनिया के विकासात्मक आर्थिक लक्ष्यों के बाद चलने वाली सरकार हो या लोग अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहे हों। इस दौड़ में खुशी हममें निहित है। अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस मनाना सार्थक हो सकता है जब हम अपने लक्ष्यों की समीक्षा करते हैं, सावधान रहें कि कहीं आप पर खुशी तो नहीं खो गई है ..?