मध्यप्रदेश सरकार ने मुंबई के द ट्राइडेंट, नरीमन प्वाइंट में एक विशेष राजनयिक संवाद (Diplomatic Roundtable) का आयोजन किया। इस संवाद में रूस, जर्मनी, सिंगापुर, इटली, तुर्किये, न्यूज़ीलैंड, पोलैंड, मलेशिया, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान, केन्या, जिबूती और यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों के काउंसल जनरल और राजनयिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य को निवेश और औद्योगिक विकास का नया केंद्र बताते हुए कहा –“मध्यप्रदेश सिर्फ भारत का भौगोलिक हृदय नहीं, बल्कि अवसरों का हृदय है। यहाँ की उद्योग-अनुकूल नीतियाँ, उत्कृष्ट कनेक्टिविटी और समृद्ध संसाधन वैश्विक निवेशकों के लिए बेमिसाल संभावनाएँ प्रस्तुत करते हैं।”
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश ने हाल के वर्षों में Ease of Doing Business, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और औद्योगिक उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रदेश आज भारत का अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा केंद्र बन चुका है—रीवा सौर ऊर्जा परियोजना और ओंकारेश्वर जलविद्युत परियोजना इसकी मिसाल हैं। वहीं पीथमपुर ऑटोमोबाइल हब और इंदौर IT Hub ने राज्य को नई औद्योगिक पहचान दिलाई है।
उन्होंने विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे मध्यप्रदेश आकर PM MITRA Textile Park (धार), पीथमपुर ऑटोमोबाइल हब, BEML Rail Hub (भोपाल), IT Parks (इंदौर-भोपाल) और Food Processing Clusters का प्रत्यक्ष अनुभव लें। सीएम ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ घोषित किया है, जहाँ लक्ष्य केवल निवेश आकर्षित करना ही नहीं, बल्कि युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी सृजित करना है।
संवाद के दौरान विभिन्न देशों के काउंसल जनरल्स ने निवेश, द्विपक्षीय व्यापार, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और सांस्कृतिक सहयोग जैसे विषयों पर सक्रिय चर्चा की और मध्यप्रदेश की संभावनाओं में गहरी रुचि व्यक्त की।
कार्यक्रम का समापन इस विश्वास के साथ हुआ कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश न केवल भारत का, बल्कि दुनिया का ‘Global Investment Hub’ बनेगा और भारत व साझेदार देशों के बीच आर्थिक व सांस्कृतिक रिश्ते नई ऊँचाइयों पर पहुँचेंगे।