चेन्नई: भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि रक्षा क्षेत्र से संबंधित किसी भी प्रकार की समाचार सामग्री को पत्रकारों को तब तक प्रकाशित नहीं करना चाहिए, जब तक कि उसकी आधिकारिक पुष्टि न हो जाए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की एक असावधान सूचना भी देश की अस्मिता और सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है। इसलिए पत्रकारों को हमेशा "नेशन फर्स्ट" की भावना के साथ कार्य करना चाहिए।
सेठ रविवार को चेन्नई स्थित रक्षा लेखा नियंत्रक सभागार में आयोजित भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की 10वीं राष्ट्रीय कार्य समिति बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत में पत्रकारिता का महत्व रहा है। "नारद" को उन्होंने देश का पहला प्रिंट मीडिया पत्रकार और "महाभारत के संजय" को पहला इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार बताते हुए कहा कि आज के पत्रकार भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि देश आजादी के 100 वर्ष पूरे करने की ओर 2047 की ओर बढ़ रहा है और इसमें पत्रकारों की भूमिका भी सैनिकों के समान है।
पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी : अशोक पांडेय
इस अवसर पर भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पांडेय ने कहा कि जिस प्रकार सीमा पर सैनिक राष्ट्र की रक्षा करता है, उसी प्रकार कलम का सिपाही भी लोकतंत्र और जनता की आवाज की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सदैव जनता के पक्ष में खड़ा रहना चाहिए।
पांडेय ने यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र कोई नई व्यवस्था नहीं है। भगवान राम के युग से ही यहां लोकतांत्रिक परंपरा मौजूद रही है और पत्रकारों पर ही इसकी रक्षा का दायित्व है।
बैठक की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अतिथि स्वागत से हुई। देशभर के 21 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।
इस अवसर पर संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. नवीन आनंद जोशी, संस्थापक शाहनवाज हसन, संगठन मंत्री गिरिधर शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राघवेंद्र मिश्र, आर. चंद्रिका, राष्ट्रीय सचिव चंदन मिश्रा, आर. कातीरावन, आंध्र प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राव वीरभद्र, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सक्सेना सहित कई पदाधिकारी एवं वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे।