भोपाल: जंगल महकमे में ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर मंथन तेज हो गई है। पहली बार यह एक्सरसाइज वन मंत्रालय में हो रही है। दिसम्बर के पहले सप्ताह में ऑडर जारी होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार वी मधुराज को वन संरक्षक भोपाल सर्किल के पद पर पदस्थ करने का प्रस्ताव है।
10 महीने से अधिक समय से सिवनी सर्किल में वन संरक्षक का पद रिक्त है। वर्तमान में सिवनी सर्किल का अतिरिक्त प्रभार वी मधुराज सीएफ छिंदवाड़ा के पास है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरजीएम जबलपुर बृजेन्द्र झा को वन विकास निगम से स्थानांतरित कर सिवनी सर्किल के वन संरक्षक के पद पर पदस्थ किया जा रहा है।यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आरजीएम जबलपुर झा की प्रशासनिक लापरवाही से वन विकास निगम के एक एसडीओ समेत 12 कर्मचारियों पर बरघाट पुलिस ने अतिक्रमण हटाने के मामले में एफआईआर दर्ज किया है।
सूत्रों का कहना है कि छिंदवाड़ा सर्किल से वन संरक्षक मधु राज को स्थानांतरित कर भोपाल सर्किल में पदस्थ करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार उज्जैन सर्किल में पदस्थ सीसीएफ मस्तराम बघेल को जबलपुर और जबलपुर सर्किल में पदस्थ वन संरक्षक कमल अरोरा को छिंदवाड़ा, उज्जैन का वर्किंग प्लान बना रहीं वन संरक्षक किरण बिसेन को उज्जैन सर्किल का प्रभार और वन संरक्षक ग्वालियर सर्किल की कार्य आयोजन बना रहे लवित भारती को ग्वालियर का प्रभार देने पर मंथन चल रहा है। इस महीने यानि 30 नवम्बर को ग्वालियर सीसीएफ एएस सेंगर सेवानिवृत हो रहें है। वन संरक्षक बासु कनोजिया को बैतूल से स्थानांतरित कर खंडवा सर्किल में पदस्थ करने का प्रस्ताव है। वर्किंग प्लान बना रहे प्रशांत कुमार सिंह को सर्किल बैतूल या शहडोल में पदस्थ करने पर मंथन चल रहा है।
नर्मदापुरम डीएफओ मयंक को सिंगरौली के लिए सिफारिश
नर्मदापुरम वन मंडल डीएफओ मयंक गुर्जर को प्रदेश की सबसे प्राइम वन मंडल सिंगरौली में पदस्य करने के लिए विधायक श्रीमती राधा रविन्द्र सिंह ने सिफारिश की है। नर्मदापुरम डीएफओ मयंक गुर्जर के कार्यकाल में इटारसी रेंज के अकेले छिपीखापा बीट में बड़ी संख्या में गोल्डन टीक (सागौन) कट गया, जिससे शासन को ढाई करोड़ से अधिक की राजस्व हानि हुई। सत्ता में रसूख के चलते गुर्जर के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जबकि विभाग के मुखिया वीएन अंबाड़े ने सीसीएफ नर्मदा पुरम अशोक कुमार को कड़े शब्दों में डीएफओ के खिलाफ आरोप पत्र बनाकर मुख्यालय भेजने के निर्देश दे चुके है। अभी तक कुमार ने डीएफओ गुर्जर के खिलाफ कोई आरोप पत्र नहीं बनाया गया है। बावजूद इसके, अब उनकी प्राइम पोस्टिंग की फाइल मंत्रालय में मूव कर रही है।
आधा दर्जन से अधिक वनमंडल खाली
प्रदेश में वन्य प्राणी और जंगलों की सुरक्षा अहम होती है। ऐसे में दक्षिण बैतूल, पूर्व छिंदवाड़ा, बड़वाह, झाबुआ समेत आधा दर्जन से अधिक वन मंडल खाली रखना, एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अपर मुख्य सचिव का निर्णय है कि 2023-24 के लिए राज्य वन सेवा से आईएफएस के लिए इंडक्शन होने के बाद ही डीएफओ रिक्त पदों पर पोस्टिंग की जाएगी। इंडक्शन का मामला झमेले में है, क्योंकि गंभीर गड़बड़ी के चलते धार एसडीओ संतोष कुमार रणछोरे के विरुद्ध यूपीएससी को शिकायत की गई है। राज्य शासन ने एक फिर से एसडीओ रणछोरे से जुड़े दस्तावेज आधे-अधूरे यूपीएससी को भेज दिया है।
11 महीने हो गए किन्तु अपनी गलती नहीं सुधारी
पीसीसीएफ प्रशासन -1 विवेक जैन से लेकर मंत्रालय में बैठे एसीएस समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों को 11 महीने बाद भी तकनीकी त्रुटि सुधारने की याद नहीं आई। अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल ने 27 दिसम्बर 24 को एक आदेश जारी 11 वन मंडलों में राज्य वन सेवा के उन अधिकारियों को बतौर प्रभारी डीएफओ की हैसियत से पदस्थ किया, जो आईएफएस की दहलीज पर खड़े थे। दिसम्बर 24 को एसीएस वर्णवाल के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार हेमलता शाह को प्रभारी वन मंडलाधिकारी शाजापुर, आशीष बंसोड़ को प्रभारी डीएफओ बड़वानी, विद्याभूषण सिंह को प्रभारी बुरहानपुर, गौरव कुमार मिश्रा को प्रभारी डीएफओ दक्षिण सिवनी, तरुणा वर्मा प्रभारी डीएफओ उत्तर शहडोल, हेमंत यादव प्रभारी डीएफओ विदिशा, प्रीति अहिरवार प्रभारी डीएफओ सीधी, राजाराम परमार प्रभारी टीकमगढ़, करण सिंह रंधा प्रभारी डीएफओ श्योपुर और लोकेश निरापुरे को प्रभारी डीएफओ रीवा के पद पर पदस्थ किया गया था।
गणेश पाण्डेय