मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार 25 नवंबर की रात 8:15 बजे मुख्यमंत्री अचानक पुलिस हेडक्वार्टर (PHQ) पहुंचे और सीनियर अधिकारियों के साथ हाई-लेवल मीटिंग की। उन्होंने कई जिलों में पुलिस के परफॉर्मेंस पर गहरी नाराजगी जताई और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने के निर्देश दिए।
रायसेन एसपी पंकज पांडेय को हटाकर मुख्यालय अटैच करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मिसरोद थाना प्रभारी को हटाने के भी निर्देश भी दिए हैं।
सीएम के निर्देश के बाद भोपाल पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए थाना टीला जमालपुरा के कार्यवाहक निरीक्षक दिनेश प्रताप सिंह और थाना मिसरोद के निरीक्षक संदीप पवार को हटा दिया है।
पुलिस उपायुक्त आशुतोष को रायसेन एसपी नियुक्त करने के आदेश भी जारी हो गए हैं।
मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP), ADG इंटेलिजेंस, भोपाल पुलिस कमिश्नर और कई दूसरे सीनियर अधिकारी शामिल हुए। सीएम ने राज्य में हाल की क्रिमिनल घटनाओं पर अधिकारियों से जवाब मांगा और पुलिस को सड़कों पर उतरकर क्रिमिनल्स के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का आदेश दिया।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने हाल की कई घटनाओं पर पुलिस के ढीले रिस्पॉन्स पर नाराज़गी जताई। उन्होंने खासकर रायसेन के एक मामले में गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाए। उन्होंने मंडीदीप में रोड ब्लॉकेड के दौरान पुलिस के धीमे रिस्पॉन्स पर भी नाराज़गी जताई।
सीएम ने राजधानी भोपाल में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा। उन्होंने कमिश्नर से सभी घटनाओं की डिटेल में जानकारी मांगी और क्राइम कंट्रोल न कर पाने के कारणों पर चर्चा की।

मीटिंग के दौरान, मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की। उन्होंने दो अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए:
रायसेन की घटना पर कार्रवाई में देरी पर नाराज़गी जताते हुए, मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक को तुरंत हेडक्वार्टर से अटैच करने का आदेश दिया।
वहीं भोपाल में क्राइम कंट्रोल में नाकामी और लापरवाही की वजह से स्टेशन हाउस ऑफिसर, मिसरोद को भी हटाने का आदेश दिया गया।
सीएम ने पुलिस अधिकारियों को साफ निर्देश दिए और कहा कि किसी भी हालत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, "पुलिस सड़कों पर उतरे और अपनी मौजूदगी का एहसास कराए। किसी भी अपराधी को बख्शा न जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।"
उन्होंने आगे निर्देश दिया कि पूरे राज्य में पेट्रोलिंग और पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। सीनियर अधिकारियों को रेगुलर इंस्पेक्शन करने और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है। इस मीटिंग से साफ पता चलता है कि सरकार कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर ढील देने के मूड में नहीं है।
आपको बता दें, कि रायसेन के गौहरगंज में 6 साल की बच्ची से रेप के आरोपी की गिरफ्तारी मांग को लेकर जिले भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। जगह-जगह चक्काजाम, धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन का दौर जारी है। वारदात के चार दिन बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इसी मामले को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस की विभिन्न टीमें रायसेन जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों में भी आरोपी की तलाश में जुटी हैं। पुलिस ने आरोपी सलमान पर इनाम बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दिया है। उधर, बच्ची का इलाज एम्स भोपाल में चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत में सुधार है।
घटना 21 नवंबर की है। शाम को 6 साल की मासूम बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। उसी दौरान 23 वर्षीय आरोपी सलमान उसे चॉकलेट दिलाने के बहाने जंगल लेकर गया। यहां उसने मासूम से साथ दुष्कर्म किया और भाग गया। बच्ची खून गंभीर हालत में जंगल में मिली थी।
पुराण डेस्क