भोपाल: राज्य के वन विभाग के अंतर्गत मप्र लघु वनोपज संघ की इकाई लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र भोपाल यानी एमएफपी-पीएआरसी, जोकि विन्ध्य हर्बल उत्पाद की विनिर्माण इकाई भी है, अब अंग्रेजी टेबलेटों की तरह अपनी वटी-गुटिकाओं को भी स्ट्रीप फॉर्म में बनायेगा।
यह निर्णय उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है। बैठक में बताया गया कि शासकीय आपूर्ति हेतु अन्य औषधियों की स्वीकृति ली जायेगी एवं रिटेल में आपूर्ति किये जाने वाली एवं शासकीय आपूर्ति की औषधियों की दरों को पुनरीक्षित किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि एमएफपी-पीएआरसी इस साल प्रदेश की प्राथमिक वनोपज समितियों के माध्यम से कच्ची जड़ी-बूटियों का अधिक से अधिक क्रय करेगी। इसके अलावा, भोपाल स्थित एमएफपी-पीएआरसी के परिसर एवं उत्पादन क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत क्षतिग्रस्त बाउंड्री वॉल की मरम्मत की जायेगी एवं उसकी ऊंचाई बढ़ाई जायेगी, गोदाम एवं कोल्ड स्टोरेज के निर्माण किया जायेगा तथा ड्रेनेज सिस्टम एवं जल संरक्षण रिजर्वायर में सुधार किया जायेगा तथा इन सभी कार्यों के लिये 1 करोड़ 77 लाख रुपये की स्वीकृति मांगी गई है।
इसके अलावा, उत्पादन परिसर में गैस सिलेंडर को सुरक्षित स्थान पर रखने की व्यवस्था की जायेगी व गैस पाइपलाइन के माध्यम से उपयोग को बढ़ावा दिया जायेगा। साथ ही समय-समय पर पेस्ट कंट्रोल कराया जायेगा एवं फायर अलार्म सिस्टम लगवाया जायेगा।