MP Forest: वित्तीय सेवा के अधिकारी को OSD बनाने का प्रस्ताव, सीएम ने लौटाया


स्टोरी हाइलाइट्स

MP Forest: वन मंत्री चौहान की कोशिश है कि येन-केन-प्रकारेन रंजीत सिंह चौहान ही उनके ओएसडी बने..!!

MP Forest: वित्तीय सेवा के अधिकारी रंजीत सिंह चौहान को ओएसडी बनाने संबंधित वन मंत्री नागर सिंह चौहान के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वापस कर दिया है। हालांकि, अभी वन मंत्री चौहान की कोशिश है कि येन-केन-प्रकारेन रंजीत सिंह चौहान ही उनके ओएसडी बने। 

एक बार फिर उन्हीं के नाम का प्रस्ताव भेजा है। चौहान के नाम को लेकर आईएफएस अफसरों में हड़कंप है। सूत्रों ने बताया कि ओएसडी के प्रस्ताव पर अभी न तो संघ की सहमति है और ना ही मुख्यमंत्री की मुहर लगी है। वित्तीय सेवा के अधिकारी रणजीत सिंह चौहान पूर्व में भी वन विभाग मुख्यालय में वित्तीय अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे हैं। 

इसके अलावा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव वन केके सिंह के वित्तीय सलाहकार के रूप में मंत्रालय में काम कर चुके हैं। कुछ ही महीने पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार के यहां भी बिना औपचारिक आदेश के कार्यरत थे। सिंघार के यहां आते ही उन्होंने वन बल प्रमुख के वाहन की डिमांड कर दी। जब फॉरेस्ट अधिकारियों ने उन्हें नियमों का हवाला देते हुए उनकी मनपसंद वाहन के लिए अपात्र बताया तब वे तत्कालीन वन मंत्री से अफसरों के खिलाफ पत्राचार करवाने लगे थे। 

इसी दौरान सीनियर आईएफएस अधिकारियों की मौखिक और लिखित शिकायत भी मंत्री तक पहुंचने लगी और अंतत: वे वहां से रुखसत कर दिए गए। अब नए वन मंत्री चौहान ने जैसे ही वित्तीय सेवा के अधिकारी चौहान को ओएसडी बनाने का प्रस्ताव भेजा है। आदेश की प्रत्याशा में वन मंत्री के यहां अघोषित तौर पर काम करने लगे हैं। यही नहीं, फील्ड की अफसर पर दबाव भी बनाने लगे हैं। चौहान की पुरानी कार्य शैली के चलते सीनियर आईएफएस अधिकारियों में हड़कंप है।