मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। छिंदवाड़ा जिले के परसिया में 14 बच्चों की मौत हुई है, जबकि बैतूल में दो बच्चों की मौत हुई। इस मामले में डॉ. प्रवीण सोनी और श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
हादसे के बाद फार्मेसी काउंसिल ने प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोर्स के लिए नियम जारी किए हैं, जो सभी मेडीकल स्टोर संचालकों को अनिवार्य रूप से मानने होंगे। इसके अनुसार मेडीकल स्टोर्स पर फार्मासिस्ट का रहना अनिवार्य होगा। बिना फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर चलाया तो 3 महीने की सजा का प्रवधान है। बिना फार्मासिस्ट के दवा बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। मेडिकल स्टोर को निर्देश दिया गया है, कि बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा ना दें। गैर-पंजीकृत व्यक्ति को दवा के वितरण और बिक्री की अनुमति नहीं रहेगी। इन सभी नियमों में किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया है। पता चला है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 46.2% डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) होता है, जो जहरीला होता है। इस मामले में छिंदवाड़ा के परसिया स्थित अपना मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई ड्रग कानून के उल्लंघन के आरोप में की गई है।
बैतूल में मरने वाले दो बच्चों का इलाज भी डॉ. प्रवीण सोनी ने ही किया था। परिजनों ने बताया कि सर्दी-जुकाम की दवा देने के बाद सर्दी-जुकाम में तो आराम मिला, लेकिन बच्चों की हालत बिगड़ गई। परिवार तुरंत एक बच्चे को नागपुर ले गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
छिंदवाड़ा के परसिया स्थित अपना मेडिकल स्टोर्स का औषधि लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय, छिंदवाड़ा ने तत्काल प्रभाव से लाइसेंस रद्द कर दिया है। मेडिकल स्टोर में कई अनियमितताएँ पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।