कई बार नेता जोश में होश खो बैठते हैं और कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो दूसरों को तो नागुज़ार होता ही है। वहीं जब नेता जी को होश आता है तब तक बात बिगड़ चुकी होती है। कहा भी गया है मुंह से निकली बात और कमान से निकला तीर लौटकर वापस नहीं आते। ऐसा ही कुछ हुआ है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ।
सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें वे कोलारस के नाराज कार्यकर्ताओं को यह कहते नजर आ रहे हैं कि कपड़े फाड़ने हैं तो दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के फाड़ो।
दरअसल ये विवाद कोलारस में भाजपा से कांग्रेस में आए वीरेंद्र रघुवंशी को लेकर हो रहा है। कोलारस से भाजपा विधायक रहे वीरेंद्र रघुवंशी कांग्रेस में आने के बाद कोलारस या शिवपुरी से टिकट चाह रहे थे लेकिन कांग्रेस ने दोनों ही सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
अब इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा की है। उन्होंने लिखा है, कि जब परिवार बड़ा होता है तो सामूहिक सुख और सामूहिक द्वंद्व दोनों होते हैं। समझदारी यही कहती है कि बड़े लोग धैर्यपूर्वक समाधान निकालें। ईश्वर भी उन्हीं का साथ देते हैं जो मन और मेहनत का मेल रखते हैं। नर्मदे हर
माना जा रहा है कि इस पोस्ट के बहाने दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को बड़ी नसीहत दी है। इधर कांग्रेस की आंतरिक कलह पर भाजपा ने भी कटाक्ष किया है प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने मामले पर चुटकी लेते हुए लिखा है, कि अरे कमलनाथ जी, आप तो कपड़े फड़वाने पर भी उतारू हो गए। खैर, आप कर ही क्या सकते हैं, जब पूरी कांग्रेस ही दो फाड़ हो गई है।
वैसे शिवपुरी से आए वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थकों की कमलनाथ जी से बातचीत का यह VIDEO देख दिग्विजय सिंह जी आप और आपके सुपुत्र को पीड़ा तो जरूर होगी और बदला भी तगड़ा लेंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि कपड़े कौन किसके फाड़ेगा।'
आपको बता दें विधानसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी करने के बाद कांग्रेस की आतंरिक कलह खुलकर सामने आ रही है। एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर पार्टी को असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही यह भी साफ दिख रहा है कि उम्मीदवारों के नामों को लेकर पार्टी की प्रदेश इकाई में समन्वय नहीं था।
वहीं कमलनाथ दो तरफा घिरे नज़र आ रहे हैं।पूरे घटनाक्रम से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ दोनों तरफ से घिरे नज़र आ रहे हैं। एक ओर उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है वहीं भाजपा भी उनकी कार्यशैली के साथ कांग्रेस पर हमलावर नज़र आ रही है।