भोपाल से इटारसी के बीच रेल यात्रियों की यात्रा 10 मिनट पहले पूरी हो जाएगी। यानी वर्तमान में यात्रा पूरी करने में जो समय लग रहा है, उससे 10 मिनट और कम हो जाएंगे।
यह सबकुछ बरखेड़ा से बुधनी के बीच बनकर तैयार तीसरी रेल लाइन पर ट्रेनों के दौड़ने से होगा। इस पटरी पर जनवरी के अंत तक ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। अभी इन पटरियों को पुराने ट्रैक से जोड़ा जा रहा है, यह काम नवंबर माह के अंत तक चलेगा। इसके बाद उक्त रेलखंड का सेफ्टी ऑडिट होगा और फिर कमियों को पूरा करने के बाद ट्रेनों को नियमित रूप से चलाने की अनुमति मिलेगी।
इन कारणों से कम हो जाएंगे रेल यात्रियों के 10 मिनट
बरखेड़ा-बुधनी के बीच घाट सेक्शन है, जिसे ट्रेनों को पार करने में आधे से पौन घंटे का समय लग जाता है क्योंकि मौजूदा दो लाइनें वर्षों पुरानी है और उनमें उसी समय की तकनीक उपयोग की गई है। याट सेक्शन को भी अपेक्षाकृत जितना कम करना चाहिए था उतना कम नहीं किया गया है। कई बार तो दो-दो इंजन लगाने पड़ते है। यही नहीं, कुछ ट्रेनें तो पूर्व में दो हिस्सों में बंट चुकी है या फिर मालगाड़ी के पहियों को पटरी पर बालू डालकर चढ़ाया जाता है लेकिन तीसरी रेल लाइन बहुत ही अपडेट है जिसमें घाट सेक्शन को कम किया है।
*पुरानी रेल लाइनों में कर्व बहुत है, जिसके कारण लोको पायलटों को ट्रेनें काफी सावधानी पूर्वक चलानी पड़ती है लेकिन तीसरी लाइन में इन कर्व को कम से कम कर दिया है।
*उक्त घाट सेक्शन में पहले से मौजूदा दो लाइनों की लंबाई अपेक्षाकृत 30 किलोमीटर से अधिक है लेकिन तीसरी रेल लाइन की लंबाई 26 किलोमीटर ही है। अर्थात कर्व कम करने के कारण लंबाई घटी है। इस अनुरूप भी रेल यात्रा का समय कम होगा।
*पूर्व के ट्रैक पर पुल-पुलिया काफी पुराने हैं और उनमें पुरानी तकनीक ही उपयोग की गई है लेकिन जो तीसरी लाइन बनाई है, वह अपडेट है और पुल- पुलियाओं में नई तकनीक का उपयोग किया गया है। इसके कारण ट्रेनों की गति कम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।