शहरीकरण, प्रदूषण और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास की समस्या लगातार बढ़ रही है। इन समस्याओं के समाधान के लिए सागर में एक अनूठी पहल की गई है, जो न केवल पक्षियों का जीवन रक्षण करने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। सागर के मंगलगिरी क्षेत्र में स्थित सिटी फॉरेस्ट में प्रदेश का पहला पक्षी टावर (पक्षी घर) बनाया गया है, जिसे खास तौर पर पक्षियों के रहवास के लिए बनाया गया है।
यह पक्षी टावर विषम मौसम स्थितियों के बीच पक्षियों के लिए सुरक्षित आश्रय प्रदान करेगा। चाहे कड़ाके की सर्दी हो, तूफानी मानसून हो या जेठ की गर्मी, यह पक्षी टावर हर मौसम में पक्षियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगा। प्रदेश का पहला पक्षी टावर 6 मंजिला ऊंचा है और इसमें कुल 800 घोंसले (घर) बनाए गए हैं, जिनमें करीब 2500 पक्षी एक साथ सुरक्षित रह सकते हैं। इस टावर का निर्माण सागर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का प्रतीक है।
सागर के पक्षी प्रेमियों ने पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थान न होने की समस्या नगर विधायक शैलेंद्र जैन के समक्ष उठाई थी। उनके अनुसार शहरीकरण और पेड़ों की कटाई के कारण पक्षियों को रहने के लिए जगह मिलना मुश्किल हो गया है। खासकर सर्दियों के दिनों में पक्षियों का पेड़ों पर रहना मुश्किल हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए विधायक ने इस टावर को बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने सिटी फॉरेस्ट के मंगलगिरी क्षेत्र में क्रियान्वित किया।
इस पक्षी टावर का निर्माण दक्षिण वनमंडल के पूर्व डीएफओ महेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में किया गया है। इस टावर की ऊंचाई 50 फीट से अधिक है और इसका निर्माण पूरा हो चुका है। इस टावर में 800 घोंसले (घर) बनाए गए हैं, जिनमें करीब 2000 से 2500 पक्षी एक साथ रह सकते हैं।
टावर के निर्माण की कुल लागत 6 लाख 30 हजार रुपये है, जो पर्यावरण संरक्षण और पशु कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान देगा। पक्षियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था बर्ड टावर में न सिर्फ पक्षियों के रहने की जगह बल्कि भोजन और पानी की भी व्यवस्था की जाएगी।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पक्षियों को हर मौसम में पर्याप्त भोजन और पानी मिले, ताकि वे स्वस्थ रहें और उनका जीवन आसान हो। इसके अलावा सिटी फॉरेस्ट में ऑक्सीजन पार्क भी तैयार किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सके। पक्षियों का स्वागत बर्ड टावर का निर्माण पूरा होने के बाद यहां पक्षियों का रहना शुरू हो गया है। अब इस क्षेत्र में सुबह-सुबह पक्षियों की चहचहाट सुनी जा सकती है।
यह टावर न सिर्फ पक्षियों के लिए सुरक्षित घर बन गया है, बल्कि यह जानवरों के प्रति दया और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक भी बन गया है। यहां आने वाले पक्षियों को पर्याप्त भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि उनका जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रहे।
यह पक्षी टावर सागर जिले में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दक्षिण वनमंडल रेंजर के अनुसार इस पक्षी टावर का निर्माण न केवल पक्षियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के पर्यावरण और स्वच्छ हवा को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।