हिंदी दिवस पर भोपाल के रवीन्द्र भवन में राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 2022 के लिए राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी पुरस्कार डिजिटल इंडिया भाषिणी संस्थान (नई दिल्ली) को और 2023 के लिए अमकेश्वर मिश्रा (भोपाल) को प्रदान किया गया। राष्ट्रीय निर्मल वर्मा पुरस्कार-2022 डॉ. हंसा दीप (टोरंटो, कनाडा) और 2023 डॉ. अनुराग शर्मा (पेंसिल्वेनिया, यूएसए) को पुरस्कृत किया गया।
नेशनल फादर कामिल बुल्के पुरस्कार-2022 अत्तिला कोटलावल (श्रीलंका) को और 2023 डागमार मार्कोवा (चेक गणराज्य) को प्रदान किया गया। नेशनल मल्टीप्लायर म्यूल अवार्ड-2022 डॉ. कृष्ण कुमार मिश्रा (मुंबई) और 2023 देवेन्द्र मेवाड़ी (नई दिल्ली) को दिया गया। राष्ट्रीय हिन्दी सेवा पुरस्कार-2022 डॉ. दामोदर खडसे (पुणे) और 2023 डॉ. मनमोहन सहगल (पटियाला) को पुरस्कृत किया गया।
हिंदी दिवस कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अंग्रेज चले गये, अंग्रेजी छोड़ गये। हमें संपूर्ण अवलोकन की आवश्यकता है। अंग्रेजी सीखने के बाद भी पीएम मोदी हिंदी का महिमामंडन करते हैं। पीएम को विदेशों में भी हिंदी का प्रभाव महसूस होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रावधान किये गये हैं। पीएम ने हिंदी को सभी भाषाओं के लिए एक सेतु के रूप में परिभाषित किया। विभिन्न देशों में भी डॉक्टर और इंजीनियर स्थायी भाषा में डॉक्टर बन गये। मुझे राम और कृष्ण के सामने श्री लागा कहलाने पर गर्व है। श्री को श्रीलंका से पहले रखा गया है। हमें गर्व है सबके माथे पर हिंदी की बिंदी पर।
हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व मंच पर हिंदी को गौरवान्वित करने के लिए मैं अटल जी को बधाई देता हूं। भारत भाषाओं का संग्रह है। यह कार्यक्रम हर वर्ष आयोजित किया जाएगा। एक वर्ष का पुरस्कार एक वर्ष में दिया जाएगा। हिंदू का अर्थ है सिंध नदी के आसपास के लोग। मूलतः हिन्दी शब्द हमारा नहीं है। फ़ारसी सिंधु से हिंदू और हिंदू से हिंदी आई। जब हम हिंदू कहते हैं तो हम नहीं जानते कि हम इसके साथ क्या जोड़ते हैं। हिंदू का अर्थ सिंध नदी के इस पार के लोग हैं। हिन्दी ने लोकभाषा के रूप में अपनी यात्रा उत्तर प्रदेश से प्रारम्भ की। मध्य प्रदेश ने इसे अपनाया।
संस्कृति मंत्री ने अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा पर सवाल उठाए। कार्यक्रम में मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करने से बच्चे पश्चिम की नकल कर पश्चिमी विचारों की ओर बढ़ रहे हैं। जन्मदिन पर दीपक जलाना बंद करें। केक काटा, मोमबत्तियाँ जलाईं और बुझाईं। ऐसे बच्चे सबको फूंका और थूंका हुआ केक परोसते हैं।