भोपाल: जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत राज्य का पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एक लाख कुओं को रिचार्ज करेगा जिससे इन कुओं में वर्षकाल के बाद भी जनवरी तक पानी उपलब्ध रहेगा और किसान रबी फसल की सिंचाई कर सकेंगे। इस विधि को अंग्रेजी में डग वेल रिचार्ज कहा जाता है। इसके लिये विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिये हैं। इनमें दो जिलों भिण्ड एवं श्योपुर को शामिल नहीं किया गया है।
उक्त डग वेल रिचार्ज विधि के अंतर्गत वर्षाकाल में खेत में बहते पानी या समीप की ड्रेनेज में बहते पानी को नाली बनाकर एक पिट में डाला जाता है जो कुयें से 3 से 6 मीटर की दूरी पर खोद कर बनाया जायेगा। इसमें पानी फिल्टर होकर एक पाईप के जरिये कुयें में जाता है जिससे वह रिचार्ज होता है।
जबलपुर में 400, सतना में एक हजार, छिन्दवाड़ा में 3 हजार 700, छतरपुर में 4 हजार 200, सिंगरौली में 1200, भोपाल में 1200, इंदौर में 500, ग्वालियर में 800 तथा उज्जैन में 1900 कुयें इस विधि से रिचार्ज किये जायेंगे। मनरेगा की कपिलधारा योजना के तहत निर्मित ऐसे कुयें जिनके पास पूर्व में पिट नहीं बनाये गये हैं, उनका भी इसके लिये चयन किया जा सकेगा। यह कार्य निजी कुओं में संबंधित हितग्राही को तथा सार्वजनिक कुओं में संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जायेगा। पिट बनाने पर 24 हजार रुपये प्रति पिट लागत आंकलित की गई है।