भोपाल: प्रदेश के श्रम विभाग द्वारा संचालित संबल योजना जिसमें अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि देने का प्रावधान है, जिसमें 5 हजार रुपये अंत्येष्टि सहायता, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये की सहायता, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये की सहायता, दुर्घटना में आंशिक दिव्यांगता होने पर 1 लाख रुपये की सहायता तथा स्थायी दिव्यांगता होने पर 2 लाख रुपये की सहायता दी जाती है।
यह योजना राज्य के वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत राज्य लघु वनोपज संघ के 30 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों पर लागू है लेकिन इसमें प्रावधान है कि एक हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि होने पर संबल योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इससे काफी संख्या में तेंदूपत्ता संग्राहकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इसलिये अब उन तेंदूपत्ता संग्राहकों को भी संबल योजना का लाभ देने की तैयारी की जा रही है जिनके पास दो हैक्टेयर तक कृषि भूमि है।
इसके लिये लघु वनोपज संघ ने संकल्प पारित किया है तथा संघ के एमडी विभाष ठाकुर ने वन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि तेंदूपत्ता संग्राहक भी असंगठित श्रमिक वर्ग में आते हैं और इन्हें भविष्य निधि, कर्मचारी बीमा योजना, ग्रेच्युटी आदि की सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं मिलता है।
पत्र में कहा गया है कि तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य करने वाले कई श्रमिकों के पास एक हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है परन्तु कंकरीली-पथरीली भूमि होने के कारण, इन भूमियों में कृषि उपज अत्यंत कम है। इसलिये तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये कृषि भूमि की सीमा 2 हैक्टेयर करने हेतु श्रम विभाग को प्रस्ताव भेजा जाये जिससे इन्हें संबल योजना कार लाभ मिल सके।