MP में बारिश की चेतावनी, बदलते मौसम के बीच किसानों को खास सलाह


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स्टोरी हाइलाइट्स

मध्य प्रदेश के मध्य में एक चक्रवात बना हुआ है, जिसके कारण पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश हो रही है..!!

मध्य प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बन रही मौसमी प्रणालियों के कारण ओलावृष्टि, बारिश, गरज और तूफान देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में मौसम बदल गया। 21 मार्च को दमोह, रीवा, पन्ना, सिंगरौली और सागर में ओलावृष्टि हुई। इसके अलावा कई जिलों में बारिश भी हुई। इस बीच मौसम विभाग ने 22 मार्च के लिए चेतावनी जारी की।

मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को रीवा, मऊगंज, सिद्धि, अनूपपुर में तेज आंधी-तूफान आने की संभावना है। कुछ स्थानों पर बारिश की भी संभावना है। हालांकि, राज्य के अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होने की संभावना है।

शनिवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और नर्मदापुरम में मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी, लेकिन रीवा, मऊगंज, सिद्धि और अनूपपुर में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चलने की संभावना है।

आपको बता दें कि सोमवार यानी 24 मार्च से एक नया मौसम सिस्टम सक्रिय हो जाएगा, जिसका असर पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पर पड़ सकता है। इसका असर मध्य प्रदेश में भी देखा जा सकता है।

किसानों को सलाह दी जा रही है, कि वे में बारिश या ओलावृष्टि के दौरान खेतों में चल रही कटाई-छंटाई की गतिविधियों को यथाशीघ्र पूरा करें। कटी हुई फसल को सुरक्षित रखें। यदि खेत में खड़ी फसल की कटाई अभी तक शुरू नहीं हुई है तो इसे एक सप्ताह के लिए टाल दें। ओलावृष्टि से क्षति फूल आने और बीज बनने के चरण के दौरान हो सकती है। गेहूं, चना और सरसों की फसलों की कटाई में तेजी लाएं और फसलों की सुरक्षा के लिए जाल या तार की बाड़ लगाएं। खेत की जल निकासी भी बेहतर करें।

मध्य प्रदेश में हुई ओलावृष्टि को लेकर पशुपालन मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है। दमोह जिले के कई विकासखंडों में ओले गिरे हैं। फसल के मौसम में ओले गिरना बहुत कष्टदायक होता है। प्रशासन को फसल क्षति का शीघ्र सर्वेक्षण कर आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को उनके आकलन के अनुसार उनकी क्षति की सीमा की परवाह किए बिना आरबीसी की धारा 6(4) के अंतर्गत सहायता प्रदान की जाएगी।