भोपाल। प्रदेश के ऐसे पांच जिले जिनमें वन-राजस्व भूमि के विवाद ज्यादा हैं, इनके शीघ्र निराकरण के लिये पांच डिप्टी कलेक्टर, वन व्यवस्थापन अधिकारी के रुप में अलग से नियुक्त किये जायेंगे। ये डिप्टी कलेक्टर, वनमंडल अधिकारी के कार्यालय में बैठेंगे तथा इनके वेतन-भत्तों का भुगतान भी वन विभाग करेगा।
इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिये मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिये हैं। दरअसल, प्रदेश में वन-राजस्व भूमि के बहुत सारे प्रकरण जिलों में तैनात वन व्यवस्थापन अधिकारियों के पास वर्षों से लंबित हैं तथा ये राजस्व अधिकारी होते हैं जिनके पास अन्य कई कार्य भी होते हैं जिससे ये समय पर इनका निराकरण नहीं कर पाते हैं।
विवाद बहुलता वाले पांच जिलों में नियुक्त किये जाने वाले डिप्टी कलेक्टर सिर्फ वन व्यवस्थापन का कार्य देखेंगे तथा इन्हें इस कार्य के लिये वन विभाग अधिसूचित भी करेगा। इससे इन चयनित पांच जिलों में वन व्यवस्थापन का कार्य देख रहे राजस्व अधिकारी इस कार्य से मुक्त होंगे। वन मुख्यालय से वन-राजस्व भूमि बहुलता वाले पांच जिलों के नाम मांगे गये हैं।