भोपाल: राज्य वन सेवा के 24 अधिकारियों को आईएफएस अवार्ड के लिए गुरुवार को नई दिल्ली में डीपीसी हुई। इस डीपीसी बैठक में राज्य वन सेवा के उस एसडीओ को आईएफएस के लिए हरी झंडी दे दी गई, जिसके निलंबन सिफारिश वन मुख्यालय ने की है। निलंबन का प्रस्ताव 2 महीने से शासन के पास विचाराधीन है। आईएफएस अवार्ड दिलाने की मंशा से ही राज्य शासन ने अब तक से निलंबित नहीं किया है।
राज्य वन सेवा से आईएफएस के लिए नई दिल्ली में हुई बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन की जगह अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल और वन बल प्रमुख वीएन अम्बाड़े उपस्थित थे। बैठक में राज्य वन सेवा के 2011, 2012 और 2014 बैच के अफसरों में से आईएफएस के लिए चयनित किया जाएगा।
इनमें से एक नाम 2012 बैच के एसएफएस बालकराम सिरसाम का है। सिरसम दक्षिण बालाघाट में पदस्थ हैं और उनके क्षेत्र लालबर्रा में टाइगर के अवैध शिकार और उसके शव को जगह-जगह जलाकर साक्ष्य नष्ट करने की घटना घटी।
इस घटना के लिए उनकी घोर लापरवाही पाई गई और उनके निलंबन की सिफारिश कर प्रस्ताव वन विभाग ने राज्य शासन को भेजा है पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उल्टे, उन्हें आईएफएस के लिए चयनित कर लिया गया है। आईएफएस के लिए हुई डीपीसी में एक नाम 2009 बैच के एसडीओ राम कुमार अवधिया का है, जिनके खिलाफ डीई चल रही है और वे खंडवा में वन विकास निगम के डिवीज़न प्रबंधक है।
राज्य वन सेवा के अधिकारियों को आईएफएस अवार्ड के लिए 2009 बैच के रामकुमार अवधिया के अतिरिक्त विद्या भूषण मिश्रा, राजवेन्द्र मिश्रा, माधव सिंह मौर्य, ज्योति मुड़िया, संतोष कुमार रनछोरे, हरिश चंद्र बघेल, भानु प्रकाश बधवा, रामकिशन सोलंकी, रेशम सिंह धुर्वे, मोहन कटारा, अनुभा त्रिवेदी, जया पांडे, मनीषा पुरवार, मुकेश पटेल, धीरेंद्र प्रताप सिंह, प्रमोद सिंह, लाल सुधाकर सिंह, शौकी राही, बृजेंद्र कुमार खोब्रागड़े, भारत सोलंकी, एल्विन बर्मन, अंतर सिंह ओहरिया, अविनाश जोशी, हमीदुल्लाह खान, संजय पाठक, शुक्ला और राजेश शर्मा के नाम पर हुआ। सूत्रों के अनुसार जिन नाम में बंधन हुआ उनमें से दो-तीन अधिकारियों के लिफाफे बंद होने की संभावना बताई जा रही है।