चीता प्रोजेक्ट को लेकर दो दिवसीय समीक्षा 17 से


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स्टोरी हाइलाइट्स

वर्तमान में चीता प्रोजेक्ट का कार्य संतोषजनक है। इसी तारतम्य में 17 और 18 मई को दो दिवसीय समीक्षा कुनो में रखी गई है..!!

भोपाल: जंगल महकमे में सीनियर अफसरों  के बीच गुटबाजी की आगाज की शुरूआत हो गई है। शायद यही वजह है कि 17 मई से शुरू हो रही चीता प्रोजेक्ट की दो दिवसीय समीक्षा के बहाने वन्य प्राणी शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने ग्रुप के 8 आईएफएस अफसर को आमंत्रित किया है। वन्य प्राणी विशेषज्ञ एवं पीसीसीएफ वीएन अम्बाड़े और  फारेस्ट एक्सपर्ट एवं लघुवनोपज के एएमडी मनोज अग्रवाल जैसे आईएफएस अफसरों को दूर रखा है।

वन्य प्राणी शाखा की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार चीता प्रोजेक्ट को लगभग 20 माह हो चुके हैं। वर्तमान में चीता प्रोजेक्ट का कार्य  संतोषजनक है। इसी तारतम्य  में 17 और 18 मई  को दो दिवसीय समीक्षा कुनो में रखी गई है। वरिष्ठ स्तर पर  विगत 20 माह में चीता प्रोजेक्ट के अन्तर्गत किये गये कार्यों की समीक्षा की जानी है। इस हेतु आपस हुई चर्चा अनुसार समीक्षा स्थल कूनो वन्यप्राणी वमनण्डल के अन्तर्गत रोसईपुरा प्रस्तावित किया जाता है। 

समीक्षा बैठक एवं क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसके लिए जिन आईएफएस को आमंत्रित किया है, उनमें वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव,  प्रधान मुख्य वन संरक्षक विकास यूके सुबुद्धि, पीसीसीएफ संरक्षण डॉ दिलीप कुमार, पीसीसीएफ एचआरडी शुभ रंजन सेन, एपीसीसीएफ ग्रीन इंडिया मिशन पीएल धीमान, एपीसीसीएफ सत्यानंद,  एपीसीसीएफ प्रशासन-2 और एपीसीसीएफ वीएस अन्नागिरी शामिल है। इस हेतु आपस हुई चर्चा अनुसार समीक्षा स्थल कूनो वन्यप्राणी वमनण्डल के अन्तर्गत रोसईपुरा प्रस्तावित किया जाता है। रामीक्षा बैठक एवं क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम निम्नानुसार प्रस्तावित है।