सीहोर के आष्टा में VIT यूनिवर्सिटी में 19 साल की स्टूडेंट नेहा साहूकार की मौत ने न सिर्फ़ उसके परिवार को बल्कि पूरे कैंपस को हिलाकर रख दिया है। नेहा की मौत के बाद से, स्टूडेंट्स लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं, और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट की जवाबदेही, हॉस्टल की सुविधाओं और खाने की क्वालिटी पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।
दस दिन तक ICU में ज़िंदगी और मौत से लड़ने के बाद, 24 नवंबर को नेहा की मौत हो गई। इस घटना से यूनिवर्सिटी के मिसमैनेजमेंट और स्टूडेंट्स की हेल्थ को लेकर बहुत चिंता फैल गई है। घटना के बाद, नेहा के पिता का VIT मैनेजमेंट को लिखा एक ईमेल सामने आया है।
नेहा के पिता सुनील कुमार साहू ने कॉलेज मैनेजमेंट को एक इमोशनल ईमेल में लिखा कि उनकी बेटी ने 24 नवंबर, 2025 को ICU में आखिरी सांस ली। उन्होंने मैनेजमेंट से ट्यूशन और हॉस्टल फीस रिफंड करने की अपील की। ईमेल के साथ भेजे गए डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह सेप्टिक शॉक, एब्डॉमिनल सेप्सिस, ARDS, फुलमिनेंट पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस और आंत में ट्यूबरकुलर परफोरेशन लिखा था। पिता का यह लेटर अब सोशल मीडिया और स्टूडेंट्स के बीच वायरल है।
पिता ने बताया कि जब से नेहा हॉस्टल गई थी, उसकी हेल्थ बिगड़ती जा रही थी। अप्रैल से उसका वज़न कम होने लगा था, उसे कब्ज़ और बदहज़मी की दिक्कत थी। जुलाई में घर लौटने के बाद, ब्लड टेस्ट में विटामिन की गंभीर कमी और एनीमिया का पता चला। अगस्त तक, वह और भी कमज़ोर हो गई थी, और उसके पिता ने उसे कॉलेज वापस न जाने की सलाह दी थी। उसके पिता ने कहा था, “बेटा, तुम बहुत कमज़ोर हो, मत जाओ,” लेकिन नेहा एग्जाम की वजह से वापस चली गई थी। दिवाली पर घर लौटते समय उसकी हालत और खराब हो गई थी।
उसके पिता के मुताबिक, 30 अक्टूबर को उन्हें कॉलेज से फ़ोन आया कि नेहा की हालत बहुत गंभीर है। परिवार उसे तुरंत बिलासपुर ले जाया गया। जांच में पता चला कि पुरानी कब्ज़ की वजह से उसकी आंतों में गंभीर रुकावट आ गई थी। सर्जरी से पहले किए गए टेस्ट से पता चला कि नेहा को प्रोग्रेसिव ट्यूबरकुलोसिस भी था, जो महीनों से उसके शरीर में बढ़ रहा था। डॉक्टरों ने कहा कि टीबी मई से बढ़ रहा था, और खराब डाइट और न्यूट्रिशन की कमी से हालत और खराब हो गई थी।
मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी वीआईटी यूनिवर्सिटी प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए सीहोर जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को परिसर का अविलंब दौरा कर छात्र-छात्राओं व प्रबंधन से संवाद स्थापित करने तथा आवश्यक कदम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंग परमार निजी विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों की उच्च स्तरीय समीक्षा कर छात्र हितों से जुड़ी समस्याओं की पहचान एवं त्वरित निराकरण के निर्देश भी दिए। जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी विद्यार्थियों के भोजन-पानी से संबंधित समस्या को संज्ञान में लेकर त्वरित निराकरण करने के लिए निर्देशित किया है। विद्यार्थियों का हित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पुराण डेस्क