स्टोरी हाइलाइट्स
किराना दुकान से लेकर ढाबों तक मालवा-निमाड़ में जहरीली शराब का धंधा शराब के सेवन से मंदसौर और खरगोन जिले के आठ लोगों की जान चली गई। ......
गुजरात में शराबबंदी का फायदा उठा रहे हैं झाबुआ के शराब माफिया
जहरीली शराब के सेवन से मंदसौर और खरगोन जिले के आठ लोगों की जान चली गई। पिछले साल उज्जैन में 14 लोगों की मौत हुई थी। इसके बावजूद अवैध शराब बनाने और बेचने का काला कारोबार थम नहीं रहा है। मालवा-निमाड़ की बात करे तो यहाँ किराना दुकान से लेकर ढाबों तक शराब का धंधा चरम पर है। गुजरात के सीमावर्ती जिलों के शराब माफिया गुजरात में शराब प्रतिबंध का फायदा उठा रहे हैं। आदिवासी बहुल जिलों में स्थिति और भी विकट है। गाँव ने तो महुवा की शराब बनाई और बेची जा रही है। आबकारी विभाग और पुलिस की ओर से दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन जानलेवा धंधे पर लगाम नहीं लग रही है।
खंडवा में नर्मदा नदी के किनारे जंगलों में ओंकारेश्वर बांध के बैक वाटर एरिया में शराब की अवैध बिक्री चल रही है। खंडवा और खरगोन जिले के सीमावर्ती इलाकों में शराब माफिया डिस्टिलरी लगाकर शराब बनाते हैं। ओंकारेश्वर के पास दुकिया और गुंजारी गांव के बीच जंगल में पुलिस ने दो महीने पहले छापेमारी कर करीब चार लाख रुपये की शराब जप्त की थी। जिला आबकारी अधिकारी आर.पी. किरर ने कहा कि सात महीने में 35 लाख रुपये से अधिक की शराब जब्त की जा चुकी है।
ढाबों से किराना दुकानों तक अवैध शराब जब्त की गई है। जनवरी से 15 जुलाई तक आबकारी विभाग ने 1624 स्थानों पर अभियान चलाकर घरेलू व विदेशी हैंड फर्नेस समेत केमिकल से बने 1 करोड़ 95 लाख 49 हजार 371 रुपये मूल्य के 28 वाहन जब्त किए। जिला आबकारी अधिकारी मनीष खार ने बताया कि शराब एबी रोड समेत पड़ोसी राज्यों से हाईवे पर बिक्री के लिए लाई जाती है। रतलाम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ शराब बनाई और बेची जाती है। आबकारी विभाग ने छह माह में 20 से ज्यादा जगहों पर कार्रवाई की है।
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गुजरात में शराबबंदी का फायदा उठा रहे हैं झाबुआ के शराब माफिया
गुजरात में शराबबंदी का फायदा झाबुआ जिले के शराब माफिया उठा रहे हैं। गुजरात में झाबुआ से शराब भेजी जाती है। यही कारण है कि जिला सरकारी ठेकों से सरकार को हर साल 203 करोड़ रुपये का राजस्व मिल रहा है। गुजरात की सीमा से सटे पिटोल, मदरानी, वाथा जैसे छोटे शहरों में करोड़ों रुपये के सरकारी शराब के ठेके हैं।
नर्मदा नदी के किनारे बड़वानी जिले में महुआ से बड़े पैमाने पर शराब बनाई जाती है। छह माह पूर्व आबकारी टीम को अवैध रूप से भारी मात्रा में शराब ले जा रही नाव ने पकड़ा था। सहायक आबकारी अधिकारी जीएस धुंज ने बताया कि अप्रैल, मई और जून में 755 मामले आए। शाजापुर जिले के ढाबों और ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब की बिक्री होती है। पुलिस और आबकारी विभाग का दावा है कि लगातार कार्रवाई की जा रही है।
धार जिले में भी अवैध रूप से शराब बनाई जाती है। बता दें कि, 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक अवैध शराब मामले में 4211 प्रकरण दर्ज किए और 2880 लोगों को गिरफ्तार किया। गुजरात में अवैध रूप से शराब का परिवहन करने के लिए माफिया जिले से गुजरने वाले इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग और लेबर-मानपुर मार्ग का उपयोग करते हैं।
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उज्जैन : 14 लोगों की मौत के बाद बदले गए एसपी
अक्टूबर 2020 में उज्जैन जिले में शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में तीन कांस्टेबल समेत सोलह लोगों को आरोपी पाया गया था। कांस्टेबलों को भी बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही तत्कालीन एसपी मनोज सिंह और एएसपी रूपेश द्विवेदी का तबादला कर दिया गया।
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