भोपाल के सूखी सेवनिया इलाके में सोमवार 13 अक्टूबर की दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया। मंडीदीप से ईंटखेड़ी जाने वाले पुल के पास लगभग 100 मीटर लंबी सड़क अचानक धंस गई। इसके बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सड़क के एक हिस्से को तुरंत बंद कर दिया।
यह सड़क एमपीआरडीसी के अधिकार क्षेत्र में आती है और घटना के बाद निगम के एमडी ने जाँच के आदेश दिए हैं, जो तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर राज्य की सड़कों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भोपाल के पूर्वी बाईपास पर स्टेट हाईवे 18 पर स्थित सूखी सेवनिया रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के पास एक गंभीर हादसा हुआ। सड़क के किनारे लगी रिटेनिंग वॉल (आरईडब्ल्यू) क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क का एक हिस्सा ढह गया। गनीमत रही कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँचे और क्षतिग्रस्त क्षेत्र को बैरिकेड्स लगाकर पूरी तरह से सील कर दिया गया।
यह घटना सोमवार दोपहर सूखी सेवनिया आरओबी के पास हुई, जहाँ रिटेनिंग वॉल गिरने से सड़क का एक हिस्सा ढह गया। यह सड़क भोपाल के पूर्वी बाईपास का हिस्सा है, जो शहर को इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, जयपुर, मंडला और सागर जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ता है। इस दुर्घटना के कारण सड़क की एक लेन बंद कर दी गई है और यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी संकेत और बैरिकेड्स लगाकर इलाके को सुरक्षित बना दिया है। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जाँच शुरू कर दी गई है और मरम्मत कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए, एमपीआरडीसी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक उच्च-स्तरीय जाँच समिति का गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष मुख्य अभियंता बी.एस. मीणा, महाप्रबंधक मनोज गुप्ता और महाप्रबंधक आर.एस. चंदेल हैं। यह समिति रिटेनिंग वॉल के गिरने के कारणों की जाँच करेगी और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। एमपीआरडीसी के प्रबंध निदेशक ने स्पष्ट किया है कि जाँच में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता पाए जाने पर जिम्मेदार व्यक्तियों या संस्थाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एमपीआरडीसी से मिली जानकारी के अनुसार, इस सड़क का निर्माण मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड ने 2013 में बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल के तहत किया था। हालाँकि, कंपनी द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन न करने के कारण 2020 में अनुबंध रद्द कर दिया गया था। इस घटना के बाद, निर्माण की गुणवत्ता और रखरखाव में कमी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अब आरोप लग रहे हैं कि अनुबंध रद्द होने के कारण ही सड़क के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया।