महिला सुरक्षा शाखा, पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा “मुस्कान विशेष अभियान” 01 नवम्बर से 30 नवम्बर तक पूरे प्रदेश में संचालित किया गया। यह अभियान माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार गुमशुदा नाबालिग बालिकाओं की दस्तयाबी, महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं समाज में महिलाओं और बालिकाओं के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा चलाया गया “मुस्कान विशेष अभियान” राज्य में बाल सुरक्षा के प्रति पुलिस की संवेदनशीलता और जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है। अभियान के दौरान मध्यप्रदेश पुलिस की सभी इकाइयों थाना पुलिस, जिला पुलिस, साइबर सेल, जीआरपी/आरपीएफ, महिला एवं बाल सुरक्षा डेस्क ने निरंतर सक्रियता दिखाते हुए गुमशुदा/अपहृत बालक–बालिकाओं को सुरक्षित दस्तयाब किया।
कई मामलों में पुलिस टीमों ने सैकड़ों किलोमीटर का सफर, अंतर्राज्यीय समन्वय, तकनीकी विश्लेषण, सीसीटीवी फुटेज स्कैन के द्वारा गंभीर अपराधों में आरोपियों की गिरफ्तारी जैसी उपलब्धियाँ हासिल कीं। अभियान के अंतर्गत माह नवंबर में 1 हजार 903 लापता बालिकाओं को सकुशल दस्तयाब किया गया, जिससे अनेक परिवारों के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौट आई है।
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गुमशुदा या अपहृत बालिकाओं की खोज कर उन्हें सुरक्षित उनके परिजनों तक पहुँचाना है। साथ ही, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में बालिकाओं और छात्रों को महिला अपराधों, कानूनी प्रावधानों, साइबर सुरक्षा, बाल विवाह एवं लैंगिक समानता के विषयों पर जागरूक कर, समाज में सुरक्षा एवं सम्मान का वातावरण स्थापित करना है।
विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
अभियान के दौरान केवल बालिकाओं की तलाश ही नहीं की गई, बल्कि राज्य के 13 हजार 108 विद्यालयों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में पुलिस अधिकारियों ने छात्र-छात्राओं को महिला सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, बाल अधिकारों और गुड टच–बैड टच जैसी अवधारणाओं की जानकारी दी। इन कार्यक्रमों के माध्यम से अब तक 16 लाख 15 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं तक सुरक्षा से जुड़ा संदेश पहुँचाया गया। स्थानीय थानों की महिला डेस्क, सखी डेस्क और सामाजिक संगठनों ने भी इस अभियान में सक्रिय सहयोग किया।
प्रमुख जिलों की सराहनीय कार्यवाहियाँ
अभियान के दौरान आगरमालवा, अशोकनगर, विदिशा, अलीराजपुर एवं हरदा जिलों ने बालिकाओं की दस्तयाबी में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
पुलिस कमिश्नरेट इंदौर द्वारा अभियान के दौरान 144 बालिकाओं को दस्तयाब किया गया। जिला धार में 110 बालिकाओं को दस्तयाब किया गया, जबकि जिला रतलाम में 73 बालिकाओं को सुरक्षित रूप से दस्तयाब किया गया।
अंतराज्यीय सफलता: अभियान अवधि में मध्यप्रदेश पुलिस ने राजस्थान, उत्तरप्रदेश, गुजरात, दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश / तेलंगाना एवं बिहार राज्यों तक से बालिकाओं को सुरक्षित दस्तयाब किया।
अभियान के दौरान पुलिस टीमों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अनुकरणीय कार्य किए। सीधी जिले की थाना मझौली पुलिस ने महीनों से लापता किशोरी को भारत–नेपाल बॉर्डर से सुरक्षित दस्तयाब कर परिजनों से मिलाया।
गुना जिले की राघौगढ़ थाना पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण, सतत निगरानी और अंतरराज्यीय समन्वय के माध्यम से लगभग 1000 किलोमीटर दूर राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान सीमा के निकट से अपहृत किशोरी को सकुशल दस्तयाब किया। जोखिमपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद पुलिस टीमों का यह समर्पण ऑपरेशन मुस्कान की मानवीय संवेदनशीलता को मजबूत करता है।
त्वरित कार्यवाही: कई मामलों में पुलिस की तत्परता काबिले-तारीफ रही। देवास और सीहोर पुलिस ने 6 घंटे में, अशोकनगर पुलिस ने 6 घंटे में शिवपुरी पुलिस ने 12 घंटे एवं 24 घंटे के भीतर ही गुमशुदा बालिकाओं को ढूंढ निकाला।
जटिल मामलों का खुलासा: विदिशा पुलिस ने 13 वर्ष बाद लापता बालिका, झाबुआ पुलिस ने 9 वर्ष बाद, गुना पुलिस ने 12 वर्ष बाद, नीमच पुलिस ने 17 वर्ष से अधिक समय से लापता किशोरी को दस्तयाब कर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की।
इन कार्यवाहियों से स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश पुलिस ने “मुस्कान विशेष अभियान” के अंतर्गत बालिकाओं की सुरक्षा, पुनर्वास एवं सम्मान सुनिश्चित करने में अत्यधिक संवेदनशीलता और सक्रियता दिखाई है।
पुराण डेस्क