भोपाल: मप्र के राज्यपाल मंगु भाई पटेल द्वारा विधानसभा द्वारा गत 6 अगस्त 2025 को पारित मप्र समाज के कमजोर वर्गों के लिये विधिक सहायता तथा विधिक सलाह निरसन विधेयक को मंजूरी प्रदान करने से अब 49 साल पहले बना विधिक सहायता तथा विधिक सलाह स्टेट एक्ट 1976 खत्म हो गया है। इस पुराने एक्ट के तहत राज्य में विधिक सेवा प्राधिकरणों का गठन किया गया था जो लोक अदालतें भी आयोजित करते थे।
लेकिन वर्ष 1987 में केंद्र सरकार ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम प्रभावशील किया जो अब पूरे देश में लागू है तथा अब इसी केंद्रीय कानून के तहत लोक अदालतें आयोजित हो रही हैं और समाज के कमजोर वर्गों को विधिक सहायता दी जा रही है। इसीलिये मप्र का 49 वर्ष पुराना उक्त कानून अप्रसांगिक होने से इसे खत्म कर दिया गया है।