कुंडलपुर महोत्सव की घोषणा, 20 लाख लोगों के आने की संभावना


स्टोरी हाइलाइट्स

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का सपना होगा पूरा, बड़े बाबा के सबसे ऊंचे जैन मंदिर की होगी प्रण प्रतिष्ठा

जैन संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार को वसंत पंचमी के अवसर पर कुंडलपुर महोत्सव की घोषणा की। इसी के साथ दमोह जिले के कुंडलपुर जैन तीर्थ हर्ष की लहर दौड़ गई है। 12 से 22 फरवरी तक आयोजित इस महोत्सव में दुनिया भर से लगभग 20 लाख लोगों के आने की संभावना है। 50 हजार लोगों के रहने खाने की व्यवस्था क्षेत्र पर की गई है। यह पूरा आयोजन प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी विनय भैया के निर्देशन में होगा।

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने कुंडलपुर के बड़े बाबा को बड़े मंदिर के विशाल सिंहासन पर विराजमान करने का सपना देखा था। जैन समाज ने लगभग एक हजार करोड़ की लागत से कुंडलपुर पहाड़ पर दुनिया का सबसे ऊंचा व विशाल जैन मंदिर बनाया है। यह पूरा मंदिर बंसीपुर पहाड़ के पीले पत्थर से बनाया गया है। महोत्सव में इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस महोत्सव के लिये आचार्यश्री के संघ के लगभग 300 मुनि व आर्यिकायें कुंडलपुर पहुंच चुके हैं। महोत्सव के लिये 400 एकड़ भूमि में नगर बसाये जा रहे हैं।

महोत्सव की कुछ खास बातें
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- अभी तक का सबसे बड़ा जैन महोत्सव होगा।
- मुख्य पंडाल 3 लाख वर्ग फीट
- अन्य पंडाल 1 लाख वर्ग फीट
- 100 इलेक्ट्रिक गाड़ियां लगेंगी
- 24 घंटे बिजली पानी
- एक हेलीपेड बनाया गया है
- एक किलोमीटर सड़क बनाई गई है,जो राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ेगी
- पूरे महोत्सव के दौरान मांस, मदिरा पर पाबंदी रहेगी
- यात्रियों के लिये शानदार आवास जिसमें लेटबाथ अटैच होगा
- स्वच्छता को ध्यान मे रखते हुए मोबाइल टायलेट, डस्ट बीन
- फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस की व्यवस्था
- कई ट्रेन के स्टॉपेज बढ़ाए जाएंगे की संभावना
- यात्रियों के लिये राष्ट्रीय सभी मार्ग टोल फ्री कराने के प्रयास 
- अतिरिक्त महिला पुलिस बल
- मुख्य पांचाल में 10 हजार इंद्र इंद्राणी पूजन एक साथ करेंगे, 50 हजार लोग एक साथ बैठने की व्यवस्था
- 5100 पात्रों को व्हीआईपी पंडाल
- 5000 लोगों को व्हीआईपी आवासीय काॅटेज 
- 50 हजार लोगों को अन्य सुविधाजनक आवास
- पंडाल के लिए 100 एकड़ जमीन
- त्यागी व्रती लोगों के लिए अलग से रहने की व्यवस्था 
- सभी सड़कों और राजमार्गों का चौड़ीकरण और मरम्मत का कार्य जारी
- आयोजन में प्रतिदिन संस्कृतिक पार्टियां, भजन गायन, नाटिका और भी बहुत कुछ