पटना का होटल बन गया श्रद्धालुओं का नया तीर्थ
Bageshwar Dham: धार्मिक श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती. यह बात मप्र के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर व कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मामले में जाहिर भी हो रही है। वे हाल तक पांच दिनों तक बिहार दौरे पर रहे थे उनकी कथा में लाखों लोग उमड़े थे। अब वे बिहार से जा चुके हैं लेकिन वे पटना के जिस होटल पनाश में रुके थे, उसके बाहर भक्तों का जनसैलाब अभी तक है।
आलम यह है कि भक्त कमरे के दर्शन करने को बेताब है और होटल प्रबंधन भारी असमंजस में है। दरअसल, पटना के होटल पनाश में बाबा बागेश्वर जिस कमरे में रुके थे, उस कमरे को श्रद्धालु हर हाल में देखना चाहते हैं। बाबा के भक्त बस उस कमरे की एक झलक देखना चाहते है।
पटना का यह होटल गांधी मैदान के पास स्थित है और इसी होटल के प्रेसिडेंशियल सुइट को बागेश्वर सरकार के लिए बुक किया गया था। 13 मई की सुबह बागेश्वर सरकार जब पटना पहुंचे तो एयरपोर्ट से सीधे होटल के इसी कमरे में आए थे और 17 मई को हनुमंत कथा के आखिरी दिन जब तरेत पाली मठ के लिए रवाना हुए।
बागेश्वर सरकार जब तक होटल में रहे, तब तक यह न केवल सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले, बल्कि दिन-रात हर वक्त श्रद्धालुओं को भारी भीड़ होटल के बाहर मौजूद रही। सामान्य लोगों के लिए होटल के अंदर आना जाना नामुमकिन था और जिन लोगों ने अपना कमरा होटल में बुक करा रखा था, उनके लिए भी अंदर बाहर आना आसान नहीं था।
होटल पनाश के प्रेसिडेंशियल सुइट में पांच दिनों तक ठहरने के बाद बागेश्वर सरकार तो वापस लौट गए, लेकिन अब वह कमरा खास बन चुका है. कई तरह के आग्रह होटल प्रबंधन के पास आ रहे है जिसमें प्रेसिडेंशियल सुइट के दर्शन के अलावे उसकी बुकिंग का भी रिक्वेस्ट शामिल है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के ठहरने के लिए आयोजकों ने जब होटल पनाश में बुकिंग का रिक्वेस्ट किया था, तब इस होटल के प्रबंधन को भी अंदाजा नहीं था कि पनाश होटल इस तह सुर्खियों में आ जाएगा. बाबा बागेश्वर की लेकर होटल पनाश हर जगह खबरों में छा रहा मीडिया कवरेज से लेकर श्रद्धालुओं के बीच होटल पनाश की चर्चा होती रही।
कमरे से दूर रखा गया था होटल स्टाफ-
बताया जाता है कि बागेश्वर धाम के शास्त्री पांच दिनों तक किसी कमरे में रहे, इस दौरान हर दिन कमरे की साफ-सफाई होती रही लेकिन खाने-पीने का सारा इंतजाम उनके सेवादार ही देखते थे। होटल स्टाफ को उनके खाने-पीने का इंतजाम देखने की मनाही थी।
शास्त्री इसी कमरे में रहकर पूजा-पाठ भी किया करते थे और सुबह-सवेरे गांधी मैदान की तरफ से खिड़की के पास खड़े होकर गंगा मैया की वंदना भी किया करते थे।
बाबा के भक्तों में होटल के प्रेसिडेंशियल सुइट को लेकर जो क्रेज़ दिख रहा है. उनसे देखने के बाद होटल प्रबंधन भी इस सोच में पड़ा हुआ है कि आखिर आगे प्रेसिडेंशियल सुइट की बुकिंग को लेकर क्या नीति अपनाई जाए?