Balaghat: गुपचुप बाघ जलाने के मामले में DFO अधर गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट जारी, 15 दिनों में मांगा जवाब


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स्टोरी हाइलाइट्स

बाघ के शव को जलाने के मुख्य आरोपी वनपाल एवं सर्किल प्रभारी टिकाराम हनोते एवं वनरक्षक हिमांशु घोरमारे डीएफओ गुप्ता के समक्ष उपस्थित होने के बाद भी फरार हो गए। गौरतलब है कि अधर गुप्ता की पत्नी नेहा श्रीवास्तव भी बालाघाट उत्तर सामान्य वनमंडल की डीएफओ हैं..!!

प्रदेश सरकार ने बालाघाट में बाघ को गुपचुप तरीके से जलाने के मामले में दक्षिण बालाघाट सामान्य वन मंडल के डीएफओ अधर गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी है। गुप्ता पर तीन अन्य आरोप भी चार्जशीट में लगाए गए हैं। डीएफओ को इन सभी का जवाब 15 दिन के अंदर देना होगा।

चार्जशीट में कहा गया कि लालबर्रा के बीट अहियाटिकुर में वन्यजीवों की सुरक्षा हेतु समुचित प्रबंध नहीं किए गए। इससे बाघ को बिना सीनियर अफसरों के संज्ञान में लाए गैर कानूनी तरीके से जलाया गया। 

वहीं बाघ के शव को जलाने के मुख्य आरोपी वनपाल एवं सर्किल प्रभारी टिकाराम हनोते एवं वनरक्षक हिमांशु घोरमारे डीएफओ गुप्ता के समक्ष उपस्थित होने के बाद भी फरार हो गए। गौरतलब है कि अधर गुप्ता की पत्नी नेहा श्रीवास्तव भी बालाघाट उत्तर सामान्य वनमंडल की डीएफओ हैं। उन्होंने कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे के खिलाफ वन बल प्रमुख को रुपए मांगने की शिकायत की थी।

आरोप क्रमांक-1

आप अधर गुप्ता, भावसे, दक्षिण (सामान्य) वनमण्डल बालाघाट में पदस्थिति दिनांक 01.10.2024 से वनमण्डलाधिकारी की हैसियत से पदस्थ है। आपके पदस्थिति के दौरान वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र वन परिक्षेत्र लालबर्रा, के बीट बहियाटिकुर में वनजीवों की सुरक्षा हेतु विशेष पुख्ता प्रबंध नहीं किये गये, जिसके कारण दिनांक 2.अगस्त 25 को व्हाट्स एप्प के माध्यम से यह खबर फैली कि बाघ को बिना वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाये, गैर कानूनी तरीके से जलाया गया, जिसकी सूचना अधर गुप्ता वनमण्डलाधिकारी दक्षिण सा. वनमण्डल बालाघाट द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) भोपाल के पत्र क्रमांक/संरक्षण/2018/3751 दिनांक 2 जून 18 में दिये गये निर्देशानुसार बाघ की मृत्यु की सूचना तत्काल निर्धारित मोबाइल नम्बरों में देना था। ऐसा न करते हुए वनमण्डलाधिकारी दक्षिण सामान्य वनमण्डल बालाघाट के पत्र क्रमांक /सुरक्षा/5270 दिनांक 4.अगस्त 25 से मृत्यु की प्राथमिक सूचना विलम्ब से वन वृत्त कार्यालय को एवं वरिष्ठ कार्यालय को दी गई। आपके द्वारा घटना दिनांक से 10 दिन बाद घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। उपरोक्तानुसार आपका अधीनस्थों पर नियंत्रण नहीं होना, वन जीवों की सुरक्षा हेतु विशेष योजनाबद्ध तरीके से कार्य नहीं करना, यह इंगित करता है कि आपके द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन करने में घोर उदासीनता एवं घोर लापरवाही की गई है।

आरोप क्रमांक-2 

गुप्ता, भावसे, दक्षिण (सा.) वनमण्डल बालाघाट में पदस्थिति दिनांक 1 अक्टूबर 24 से वनमण्डलाधिकारी की हैसियत से पदस्थ है। पदस्थिति के दौरान वन्य जीव बाहुल्य क्षेत्र वन परिक्षेत्र लालबर्रा, के बीट बहियाटिकुर कक्ष क्रमांक 443 में मृत पाये गये बाघ के शव को गैरकानूनी तरीके से जलाने के मुख्य आरोपी टीकाराम हनोते वनपाल सर्किल प्रभारी एवं हिमांशु घोरमारे वनरक्षक/बीट प्रभारी बहियाटिकुर वन परिक्षेत्र लालबर्रा (सा.) आपके समक्ष उपस्थित होने के उपरान्त भी फरार हो गये। आपके द्वारा आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में रखने हेतु तत्काल किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे आरोपी फरार होने में सफल हो गये। इस संबंध में वन संरक्षक बालाघाट के पत्र क्रमांक /स्था. आं./3946 दिनांक 5 अगस्त.25 से स्पष्टीकरण जारी किया गया। इस प्रकार आपके द्वारा कर्तव्यों के प्रति घोर उदासीनता एवं घोर लापरवाही प्रकट होती है। इस प्रकार गुप्ता, वनमण्डलाधिकारी दक्षिण सामान्य वनमण्डल बालाघाट द्वारा अखिल भारतीय सेवाएं (आचरण) नियम-1968 के नियमों निहित प्रावधानों का उल्लंघन कर अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 के नियम 8 के अन्तर्गत स्वयं को अनुशासनात्मक कार्यवाही का भागीदार बनाया गया है।

आईएफएस की डीपीसी में रनशोरे योग्य क्यों?

9 अक्टूबर को हुई डीपीसी विवादों की सुर्खियों में है। वह इसलिए कि धार वन मंडल के सरदारपुर उपवनमंडल के कुक्षी रेंज में वनीकरण क्षतिपूर्ति पौधारोपण में वित्तीय गड़बड़ी करने वाले एसडीओ

सरदारपुर एसडीओ संतोष कुमार रनशोरे को योग्य कैसे मान लिया गया। जबकि रनशोरे को 2023 आरोप पत्र जारी किया गया और दोषी पाए जाने पर उनसे 56000 की वसूली शासन द्वारा की गई। इसी तरह के मामले में रामकुमार अवधिया को आईएफएस के लिए लिफाफा बंद कर दिया गया है।  एक ही राज्य में दो अलग अलग अधिकारियों के लिए पद्दोनीति के अलग नियम कैसे हो सकते है तत्कालीन डीएफओ के द्वारा रणशोरे के विरुद्ध कार्यवाही के प्रस्ताव ऊपर भेजे गए जिसे आपसी सांठगाठ कर दबा दिया गया है । संतोष कुमार रनशोरे, सहायक वनसंरक्षक उपवनमण्डलाधिकारी सरदारपुर के विरूद्ध 1.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 के तहत अधिरोपित आरोप का संक्षिप्त विवरण के अनुसार रनशोरे, सहायक वनसंरक्षक उपवनमण्डलाधिकारी सरदारपुर की हैसियत से दिनांक 1 जुलाई 23 से वर्तमान तक पदस्थ रहे है। 

इनकी पदस्थिति अवधि के दौरान इनके द्वारा शासन के निर्देशो की अवहेलना एवं शासकीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के फलस्वरूप आरोप अधिरोपित किये गए। रनशोरे पर आरोप यह कि उपवनमण्डलाधिकारी  पदस्थिति अवधि के दौरान डही सुक्ष्म सिंचाई परियोजना (पाईप लाईन) से प्रभावित 38.455 हे. वनभूमि के बदले क्षतिपूर्ति वनीकरण योजना वायल रकबा 54.733 हे. (कार्य योग्य 40 हे.) गैर वनभूमि मे वैकल्पिक वृक्षारोपण जैसे तकनीकी कार्य में कई गंभीर तकनीकी कमियां/ त्रुटिया पाई गई। मसलन, पौधा परिवहन कार्य में लापरवाही, सर बोझ परिवहन और पौधा रोपण कार्य में लापरवाही, प्रथम निदाई कार्य में लापरवाही एवं अनियमितता, कन्टूर बीज बुआई में लापरवाही एवं अनियमितता और वर्मी कम्पोस्ट खाद परिवहन मे लापरवाही एवं अनियमितता पाई गई।